Election Commissioner: ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने संभाला चुनाव आयुक्त का पदभार
1 min read

Election Commissioner: ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने संभाला चुनाव आयुक्त का पदभार

Election Commissioner: लंबे चले सियासी हंगामें और हलचल के बीच चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर आधिकारिक जानकारी सामने आ गई है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस पद के लिए जिन दो नामों की संभावना जताई थी, गुरुवार शाम को जारी नोटिफिकेशन में उन्हीं का नाम निकलकर सामने आया है. यानी कि ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू चुनाव आयुक्त बना दिए गए हैं. नियुक्ति को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया है.

Election Commissioner:

कौन हैं ज्ञानेश कुमार और सुखविंदर संधू
सुखविंदर संधू, पंजाब मूल के हैं और उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी और NHAI के चेयरमैन रह चुके हैं। वहीं, ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अफसर हैं और गृह मंत्रालय में तैनात रह चुके हैं। धारा 370 पर फैसले के वक्त गृह मंत्रालय में तैनात थे। सहकारिता मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए हैं।

आगरा के रहने वाले हैं ज्ञानेश कुमार
केरल कैडर के पूर्व आइएएस ज्ञानेश कुमार का नाता यूपी से है। वो आगरा विजयनगर के रहने वाले हैं। गैलाना रोड पर श्रीराम सेंटेनियल स्कूल उनके पिता डा. सुबोध गुप्ता चलाते हैं। छोटे भाई मनीष कुमार आगरा में उपायुक्त कस्टम एंड एक्साइज रह चुके हैं। इनकी बेटी मेधा रूपम आइएएस टापर रही हैं। छोटी बेटी भी आईएएस है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय ज्ञानेश गृह मंत्रालय में सचिव थे। फिलहाल वो श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में सरकार के प्रतिनिधि हैं।

चुनाव तारीखों का एलान जल्द
लोकसभा चुनाव के एलान को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। ऐसे में अब इसका कभी भी एलान हो सकता है। फिलहाल जो संकेत मिल रहे है उसके तहत 16 या 17 मार्च को इसका एलान किया जा सकता है।

अधीर रंजन चौधरी ने नियुक्ति पर उठाए थे सवाल
बता दें कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सियासी गली में गुरुवार को काफी हंगामा मचा रहा. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया पर ही सवाल उठाए थे. कांग्रेस नेता ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि उनसे बहुत ही अव्यावहारिक तरीके से नियुक्ति में शामिल होने के लिए कहा गया.
उनका आरोप था कि पहले 212 नामों की एक लंबी लिस्ट थमाकर सिर्फ एक रात का वक्त दिया और फिर अगली सुबह सिर्फ 6 नाम सामने रख दिए. ये सिर्फ 10 मिनट पहले हुआ है. अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया है कि, इतने कम समय में कैसे नाम तय किए जा सकते थे.

Election Commissioner:

यहां से शेयर करें