Noida Authority and ED Case: नोएडा, ग्रेनो और यमुना प्राधिकरण के सीईओ के पद पर रहे रमा रमण को अग्रिम जमानत दिलाने के लिए उनके वकील ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत में याचिका दायर की है। मंगलवार को हुई सुनवाई में बचाव पक्ष के वकीलों ने इस याचिका पर अपनी बात रखी। अदालत ने ईडी का पक्ष जानने के लिए अगली सुनवाई 17 अक्टूबर निर्धारित की है।
दरअसल, रमा रमण के कार्यकाल में यानी साल 2010 से 2016 तक नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण के सीईओ रहे, पर आरोप हैं कि उन्होंने और अन्य आईएएस अधिकारियों, जिनमें मोनिंदर सिंह भी शामिल हैं, ने अपने कार्यकाल के दौरान बिल्डरों को गलत तरीके से भूखंड आवंटित किए। इस मामले की जांच वर्तमान में ईडी द्वारा की जा रही है, और आरोप गंभीर प्रकृति के हैं।
कई मामलों में विवादों में घिरे रहे रमा रमण
रमा रमण के कार्यकाल में कई बिल्डरों को दी गई भूखंड आवंटन की प्रक्रिया की गहन जांच की गई। यह कार्रवाई मोहिंदर सिंह के बयान के बाद की गई। जिन्होंने ईडी को बताया था कि वह 2010 में सीईओ पद से हट गए थे और प्रॉजेक्ट से जुड़ी बाकी औपचारिकताएं उनके बाद तैनात रहे अफसरों के कार्यकाल में पूरी हुईं। रमा रमण का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा।
बता दें कि उस दौरान रमा रमण के खिलाफ नोएडा निवासी जितेंद्र कुमार गोयल की याचिका पर कार्रवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 1 जुलाई 2016 को उनकी शक्तियां जब्त कर ली थीं। न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को रमा रमण को किसी अन्य पद पर ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था।