रिश्वतखोरी के जाल में खुद ही फंस गए ईडी के अफसर, इस तरह से हुई थी डील
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रिश्वतखोरी के जाल में खुद ही फंस गए ईडी के अफसर, इस तरह से हुई थी डील

Delhi News: आजकल एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी ईडी और सीबीआई (ED& CBI) अलग-अलग मामलों को लेकर चर्चाओं में रहती है। ज्यादातर हाई प्रोफाइल मामलों की जांच और लेनदेन के मामले यही दोनों एजेंसियां अपने हिसाब से जांच पड़ताल करती हैं। मगर इस बार दिल्ली के शराब घोटाले में 5 करोड रुपए की घूस लेने के चक्कर में ईडी के सहायक निदेशक समेत कई अन्य अधिकारी सीबीआई के जाल में फंस गए। सीबीआई ने ईडी के सहायक निदेशक को गिरफ्तार भी किया है। इसके अलावा 6 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढल को आरोपियों की सूची से निकलने के लिए यह घूस ली जा रही थी।

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सीबीआई (CBI) की रिपोर्ट में कहा गया है कि खत्री और ढल के अलावा एआर इंडिया के सहायक महाप्रबंधक दीपक सागवान, क्लेरेंज होटल के सीईओ विक्रमादित्य, चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण वत्स ईडी के अधिकारी नितेश कोहार, वीरेंद्र पाल सिंह को नामजद किया गया है। सीबीआई ने सहायक निदेशक को पकड़ने के लिए खुद ईडी के ही अधिकारियों के कहने पर जाल बिछाया था। अब तक की जांच में सामने आया है कि प्रवीण वत्स ने अपने बयान में कहा है कि एआर इंडिया के सहायक महाप्रबंधक दीपक सागवान ने घूस के बदले अमनदीप को गिरफ्तारी से बचने का भरोसा दिया था, फिर 2022 में उसे खत्री से मिलवाया सागवान के भरोसे पर वत्स ने अमनदीप से पहले 3 करोड रुपए लिए और फिर 2 करोड रुपए और ले लिए। बताया यह भी जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग में जांच के दौरान ईडी ने पाया कि आरोपी अमनदीप ढल और उसके पिता वीरेंद्र पाल सिंह ने चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण को ईडी जांच में सहायता के लिए 5 करोड रुपए दिए थे। 50-50 लख रुपए की किस्त दी गई थी। फिलहाल अब मामला सीबीआई के पाले में है, सीबीआई इस पूरे मामले में जांच पड़ताल कर रही है।

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