2000 के नोट बदलने में पैनिक न हो-बोले गवर्नर, डेडलाइन के बाद भी वैध रहेंगे नोट

Delhi: 2000 के नोट बदलने के लिए लोगों में पैनिक का माहौल बना है। ऐलान के तीन दिन बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (त्ठप्) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लोग नोट बदलने के लिए बैंकों में भीड़ ना लगाएं। हमने 4 महीने का वक्त दिया है। आप आराम से नोट बदलिए, लेकिन समय सीमा को भी गंभीरता से लीजिए।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, 30 सिंतबर की डेडलाइन के बाद भी 2000 के नोट लीगल टेंडर रहेंगे इसका मतलब वैध रहेंगे। आरबीआई ने 19 मई को 2000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया। आरबीआई ने 30 सितंबर तक ऐसे नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा है। आरबीआई ने आज यानी सोमवार को एक ओर गाइडलाइन जारी की। इसमें बैंकों से कहा गया है कि गर्मी को देखते हुए वो लोगों के लिए छायादार जगहों और पानी का इंतजाम करें। कितने नोट बदले गए और कितने जमा किए गए इसका प्रतिदिन हिसाब रखें।

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गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, जो भी परेशानी आएगी, उसे हम दूर करेंगे। हम भी बैंकों के जरिए इस प्रक्रिया पर पूरी नजर रखेंगे। चिंता वाली कोई बात नहीं है। करेंसी मैनेजमेंट ऑपरेशन के तहत ही हमने 2000 के नोट सर्कुलेशन हटाने का काम शुरू किया है। पहले भी दुकान में लोग 2000 के नोट नहीं लेते थे। हमारे ऐलान के बाद यह शायद और बढ़ गया है। हमने कहा था कि ये लीगल टेंडर बना रहेगा। आप 2000 के नोटों से खरीदारी कर सकते हैं। 30 सितंबर तक ज्यादातर नोट हमारे पास आ जाएंगे और फिर हम फैसला करेंगे।

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नोट बदलने को आईडी की जरूरत नहीं
स्टेट बैंक ने रविवार को 2000 का नोट बदलने के लिए गाइडलाइन जारी की थी। भारत के सबसे बड़े बैंक ने कहा था कि नोट बदलने के लिए किसी आईडी की जरूरत नहीं है। कोई फॉर्म भी नहीं भरना होगा। एक बार में 10 नोट बदले जा सकेंगे। स्टेट बैंक ने नोटिफिकेशन इसलिए जारी किया गया, क्योंकि सोशल मीडिया पर नोट बदलने को लेकर अलग-अलग जानकारियां दी जा रही थीं। कहा जा रहा था कि नोट बदलने के लिए आधार जैसी कोई आईडी जरूरी होगी और केवल फॉर्म भी भरना होगा।

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