क्या आप जानते हैं यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लगातार गिर रहा जमीन का मार्केट रेट, जानें बड़ी वजह

Yamuna Authority: यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में एक वक्त था, जब लोग प्राधिकरण से आवंटन होने के बाद पैसा नहीं देते थे। कुछ लोग तो प्राधिकरण की आवंटन दर को महंगा मानते हुए आवंटित हुए भूखंड को सरेंडर कर दिया करते थे। लेकिन अब ऐसा वक्त आया है कि 280 भूखंडों के लिए ही करीब सवा दो लाख आवेदन प्राधिकरण को मिल चुके हैं वो वन टाइम पेमेंट आप्शन के साथ। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों हो रहा है। दरअसल जो लोग आवेदन कर रहे हैं, वे चाहते हैं कि दिल्ली एनसीआर में कहीं भी उनका अपना मकान होना चाहिए। इसलिए अधिक से अधिक लोग आवेदन कर रहे हैं, ताकि उन्हें प्राधिकरण के रेट पर भूखंड मिल सके। इस सबके चलते यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में रेट बढे और अब जमीनी हकीकत जाने के बाद लगातार भूखंडों का मार्केट रेट नीचे आ रहा है। प्रोपर्टी डीलर बताते है कि दो महीने पहले तक 300 वर्ग मीटर के भूखंड करीब दो करोड़ रुपये तक लोग बेचते थे और खरीदते थे। मगर अब प्रॉपर्टी डीलर 300 वर्ग मीटर के भूखंडों को 40-50 लाख रुपया सस्ता दिलाने की पेशकश कर रहे हैं। इसका मतलब यह हुआ कि डेढ करोड़ से लेकर 1 करोड़ 60 लाख तक के भूखण्ड प्रॉपर्टी बाजार में अवेलेबल है।

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क्या कारण है यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में प्रॉपर्टी हो रही डाउन

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में आर्टिफिशियल तरीके से जमीन के रेट आसमान पर पहुंचा दिए गए। 300 वर्ग मीटर का भूखण्ड प्राधिकरण की ओर से करीब 78 लाख का आवंटित किया जा रहा है, लेकिन प्रॉपर्टी बाजार में इस भूखंड की कीमत करीब 2 करोड़ बताई जाती थी। अब लोगो ने देख लिया कि फ़िलहाल तो प्राधिकरण की ओर से घोषणाएं हो रही है, धरातल पर वे कब उतरेंगी कहा नहीं जा सकता। रहने के लिए मूलभूत सुविधाए भी नही है। इसके अलावा कुछ फाइनेंसर है जिन्होंने आवंटियों से उनके भूखंड का एग्रीमेंट करा लिया और अब वो अपना मुनाफा कमाकर निकलना चाहते हैं। लेकिन बाजार में री-सेल काफी कम हो चुकी है। प्रॉपर्टी डीलर बताते हैं इस वक्त यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मार्केट काफी डाउन हो चुकी है और लगता है कि आने वाले समय में जमीन के रेट और नीचे जाने वाले हैं। फ़िलहाल तो यमुना प्राधिकरण की ओर से कई सेक्टरों में सड़कें बना दी गई है। सीवर की डाले गए और नालियां भी बनकर तैयार हैं। मगर ये सभी काम आधे अधूरे ही दिखाई देंगे। खरीदार सोचते हैं कि इस तरह की कंडीशन पर खरीदना वो भी महंगा बड़ी बेवकूफ़ी होगी। इसी के चलते यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में प्रॉपर्टी के रेट लगातार नीचे जा रहे हैं, जो आर्टिफिशियल तरीके से फाइनेंसर और प्रॉपर्टी डीलरों ने रेट का गुब्बारा फुलाया था। वो अब फटने वाला है और हवा निकलनी शुरू हो चुकी है।

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