डीएम और डीसीपी ने पहुंचे एआरटीओ- रजिस्ट्री दफ्तर, जानें भ्रष्टाचार पर क्या बोले…
Zero tolerance policy against corruption: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जीरो टोलरेंस नीति अपना रही है। इसी को अमलीजामा पहनाने के लिए यूपी के अफसर जुट चुके हैं। इसी क्रम में यूपी में इन दिनों आरटीओ आॅफिस पर दलालों की धरपकड़ जारी है। जिलों के डीएम और पुलिस कप्तान लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। वही नोएडा डीएम मनीष वर्मा और डीसीपी राम बदन सिंह ने एआरटीओ आॅफिस और रजिस्ट्री विभाग अचानक पहुंच गए। ये देख वहां मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। करीब एक घंटे तक दोनों अधिकारियों ने आॅफिस में कर्मचारियों से पूछताछ की। साथ ही वहां अपने काम के लिए पहुंचे लोगों से भी बातचीत की।
बताया जा रहा है कि डीएम को शिकायत मिली थी कि एआरटीओ डिपार्टमेंट में दलालों द्वारा काम कराया जा रहा है। डीएम ने यहां आए लोगों से बातचीत की। इसके बाद काउंटर पर जाकर काम कर रहे कर्मचारियों और लाइन में लगे लोगों से बात की।लोगों ने बताया कि यहां पर समय से काम हो रहा है। हालांकि कुछ एक जगह विलंब होने पर लोगों को परेशानी हो रही थी। ऐसे में डीएम ने एआरटीओ सिया राम को निर्देशित किया कि किसी प्रकार से आम लोगों को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। यहां लर्निंग लाइसेंस सेंटर पर भी गए। कई फाइलों को देखा। लोगों को लाइसेंस बनवाने के लिए जो स्लॉट मिला था उस हिसाब से काम हो रहा था कि नही ये भी देखा गया।
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इस दौरान उन्होंने पार्किंग में वाहनों की व्यवस्थित तरीके से खड़ा करने के लिए भी कहा।इसके बाद दोनों अधिकारी रजिस्ट्री विभाग गए। यहां रजिस्ट्री कराने आए लोगों से बातचीत की। साथ ही उनसे भी दलाल के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि कोई भी कर्मचारी नियम के विरुद्ध काम करे तो उसकी शिकायत की जाए। इसमें किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। दोनों ही अधिकारी करीब एक घंटे तक एआरटीओ और रजिस्ट्री विभाग में रुके।
डीएम और डीसीपी ने निबंधन विभाग में फैली गंदगी को देखकर निर्देश दिए कि यहां तत्काल साफ-सफाई कराई जाए। यहां आम लोगों से लेकर खास सभी आते है। परिसर को साफ सुथरा रखना हमारा काम है।