वास्तविक भू-उपयोग सर्वे के बाद बेहतर होगा विकास: वत्स

आवासीय, व्यवसायिक, ग्रुप हाउसिंग व अन्य भूखंडों से भरेगा जीडीए का खजाना
ghaziabad news  जीडीए की महत्वाकांक्षी मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना का एक बार फिर से भू-उपयोग सर्वे कराया जा रहा है। मधुबन-बापूधाम योजना के लिए अधिगृहीत की गई 1234 एकड़ जमीन का सर्वे कराकर उसका सजरा सुपर इंपोज कराया जा रहा हैं। मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना को पूर्ण रूप से विकसित कराना जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स की प्राथमिकता में है। ऐसे में भू-उपयोग का सर्वे होने के बाद भूखंडों की वास्तविक स्थिति का भी पता चल सकेगा। वहीं, आर्थिक संकट से जूझ रहे जीडीए की तिजोरी भरने की भी प्रबल संभावना है। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स का कहना है कि जीडीए के पास सबसे बड़े क्षेत्रफल में मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना ही विकसित करने के लिए है। ऐसे में इसे बेहतर तरीके से विकसित कराना प्राथमिकता में है। मधुबन-बापूधाम योजना 1234 एकड़ जमीन पर विकसित होनी हैं। इस पूरी जमीन का सर्वे कराया जा रहा है। इसका सजरा सुपर इंपोज कराने के बाद यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि योजना में किस खसरा नंबर में कितना क्षेत्रफल मास्टर प्लान में किस भू-उपयोग में दर्ज हैं। वहीं, सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद योजना में विकास कराने के लिए पूरी प्लानिंग की जाएगी। मधुबन-बापूधाम योजना में सर्वे पूरा होने के बाद आवासीय, व्यावसायिक से लेकर अन्य भूखंड भी सृजित होंगे। इनमें आवासीय 1,80,759 वर्ग मीटर के अलावा व्यावसायिक 2,62,910 वर्ग मीटर,ग्रुप हाउसिंग भूखंड- 5,65,910 वर्ग मीटर, स्कूल व कॉलेज के भूखंड-2,33,973 वर्गमीटर, सी दुकानें 2228 वर्ग मीटर, पेट्रोल-डीजल व सीएनजी पंप के भूखंड-4820 वर्गमीटर, हॉस्पिटल और हेल्थ सेंटर-78,602 वर्गमीटर, गेस्ट हाउस-2506 वर्ग मीटर और धार्मिक भूखंड 24,950 वर्गमीटर में तकरीबन विकसित करने की प्लानिंग हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि भूखंडों की बिक्री होने के बाद जीडीए का आर्थिक संकट भी दूर हो सकेगा।
किसानों की दूर की जाएगी समस्या
जीडीए उपाध्यक्ष का कहना है कि योजना के लिए जिन किसानों की जमीन अधिगृहीत की गई है। उन्हें भी विकसित भूखंड दिए जाने है। इसलिए योजना का सर्वे पूरा होने के बाद किसानों की समस्या भी दूर की जाएगी। इसके साथ ही सृजित भूखंडों को लेकर भी प्लानिंग की जाएगी।

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