Delhi: सुसाइड तभी कम हो सकती है जब हम लोगों का मन भांप पर और साथ देंः दादा श्री
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Delhi: सुसाइड तभी कम हो सकती है जब हम लोगों का मन भांप पर और साथ देंः दादा श्री

देश में एक नई अलख जगाने को दादाश्री ने की शुरुआत
बदलेंगे आप, बदलेगा देश मुहिम के साथ मैत्रीबोध संस्था के मैत्रीय दादाश्री लगातार देश में एक नई अलख जगाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। वह लोगों को जीने का तरीका सिखाने के साथ-साथ उन्हें नींद से जगाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा मानो कि सुबह के 4 या 5 बजे हैं और लोगों को जगाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के हर व्यक्ति को हम लोग जगाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि वह अपने हिसाब से अपनी जिंदगी में बदलाव लाए। तभी ट्रांसफॉर्म भारत संभव होगा। मैत्रीय दादाश्री ने कहा कि हर 80 से 100 साल में एक बार बदलाव आता है। आप इतिहास को उठाकर देख लीजिए, अब जो समय आ रहा है वह उन लोगों का आ रहा है जो गुड़ी है। गुड़ी लोग अपने गुणों से बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को अच्छे व्यक्ति की ओर आकर्षित होना होगा। ताकि जो मन में है वह दूसरों के सामने बोल दे। मन को खाली करें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में यह सभी जगह यही प्रक्रिया अपनानी होगी। दादाश्री ने कहा कि आजकल देखा जा रहा है कि लोग सुसाइड कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि आपसी संवाद यदि हम लोग अपने आसपास किसी ऐसे व्यक्ति को देखें जो सुसाइड की ओर आकर्षित हो सकता है। उससे जरूर बात करें, यदि हम उससे बातचीत करेंगे और उसके मन की बात सुनेंगे, तो हो सकता है कि वह सुसाइड से खुद को दूर कर ले। लोगों की परेशानियां सुनी जाएंगी तो उन्हें पता चलेंगा कि जिंदगी की अहमियत क्या है। उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाओं और सरकार को सुसाइड रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए। बेरोजगारी पर कहा कि धीरज से काम लेना चाहिए महेनत करते रहे आने वाले समय में नौकरियां भी मिलेंगी साथ ही व्यापार करने के लिए भी रास्ते खुलेगें।

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