Delhi News: नई दिल्ली। मुख्यमंत्री आतिशी के नेतृत्व में सोमवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें सर्व सम्मति से बस मार्शलों को स्थाई तौर पर नियुक्त करने पर सहमति बनी। कैबिनेट बैठक में लिये गए फैसले के संबंध में शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज के साथ प्रेस वार्ता कर आतिशी ने बताया कि बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का मुद्दा सर्विसेज के तहत केंद्र सरकार के अधीन है, जब तक केंद्र सरकार पॉलिसी नहीं बनाती है तब तक दिल्ली सरकार दस हजार मार्शलों को बसों में तैनात करेगी। दिल्ली सरकार के फैसले से गरीब परिवारों के युवाओं को रोज़गार मिलेगा और बसों में महिलाएं दोबारा सुरक्षित महसूस कर सकेंगी। उपराज्यपाल या केंद्र सरकार बस मार्शल के लिए जो भी पॉलिसी बनाये, चाहे उनकी बहाली हो या उन्हें पक्की नौकरी पर लगाया जाये उनकी सारी तनख्वाह दिल्ली सरकार देगी।
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आतिशी ने कहा कि 2015 से जबसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने, तब से दिल्ली की चुनी हुई सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। चाहे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगवाना हो या बसों में मार्शलों की नियुक्ति हो। अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में दिल्ली सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम करती रही।
उन्होंने कहा कि जो महिलाएं दिल्ली में पढ़ाई करती हैं, काम करती हैं, पली बढ़ी हैं वो अच्छे से जानती हैं कि डीटीसी बसों में उनके लिए सफर करना कितना मुश्किल होता है। किस तरह उनके साथ बदतमीजी होती है, अभद्र व्यवहार होता है। महिलाओं के साथ उस अभद्र व्यवहार को रोकने के लिए डीटीसी बसों में बस मार्शलों को तैनात किया गया। 2015 से डीटीसी बसों में 2 शिफ्टों में महिलाओं-बुजुर्गों-बच्चों की सुरक्षा को लेकर मार्शलों की नियुक्ति हुई। 2023 से भाजपा ने अपने अफसरों के माध्यम से बस मार्शल की इस स्कीम में विघ्न डालने का काम किया। पहले अप्रैल 2023 से बस मार्शलों का वेतन रोक लिया गया और फिर अक्टूबर 2023 से सारे बस मार्शलों को नौकरी से हटा दिया।
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आतिशी ने कहा कि पिछले 1 साल से बस मार्शलों ने सड़कों पर संघर्ष किया। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने सड़क पर उतरकर बस मार्शलों के संघर्ष में उनका साथ दिया। पुलिस की लाठियां खाईं, गिरफ्तार हुए। आखिरकार ये संघर्ष सफल हुआ और केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। इसके बाद कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार ने फैसला लिया कि आने वाले 4 महीने के लिए प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में बस मार्शलों को तैनात किया जाएगा।
दरअसल, इस संदर्भ में मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी, जिसमें मार्शलों की स्थायी नियुक्ति को लेकर स्कीम बनाने पर लंबी चर्चा हुई। इस संदर्भ में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने अपने नोट में साझा किया कि बस मार्शलों को स्थायी या अस्थायी रूप से नियुक्त करना सर्विसेज का मुद्दा है, जो एलजी के अधीन आता है।
आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी मंत्री बस मार्शलों को स्थायी करने को लेकर एलजी को प्रस्ताव भेजेंगे और हमारा एलजी से अनुरोध है कि बस मार्शलों की नियुक्ति और महिला सुरक्षा का मुद्दा उनके कार्यक्षेत्र में आता है। ऐसे में वो जल्द से जल्द मार्शलों को स्थायी तौर पर बसों में नियुक्त करने के लिए एक पॉलिसी बनाए ताकि 2 शिफ्टों में हर बस में उन्हें तैनात किया जा सके और महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें।