Delhi News: नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने शुक्रवार को कहा कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने दलितों और पिछड़ों को मुख्यधारा में लाने के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था का प्रावधान किया था लेकिन कांग्रेस लगातार उस पर कुठाराघात करती रही। इसके साथ ही कांग्रेस ने संविधान बदलने वाला नैरेटिव सेट किया।
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केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दुष्यंत गौतम ने कहा कि कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 लगाया, जिसके कारण जम्मू कश्मीर में दलितों को आरक्षण की सुविधा और बराबरी के अधिकार नहीं मिले और शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद वहां की सरकार ने सदैव उन्हें सिर्फ सफाई कर्मी की नौकरी के लायक ही समझा। कांग्रेस ने कभी इसका विरोध भी नहीं किया। तत्पश्चात तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 27 जून 1961 को मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आरक्षण के प्रति अपनी नापसंदगी जताई थी।
गौतम ने कहा कि देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय संविधान सम्मत और केन्द्र की योजनाओं के अनुसार संचालित होने के लिए बाध्य हैं लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में केन्द्र सरकार द्वारा बजट मिलने के बावजूद संविधान की मयार्दा को तार-तार करते हुए दलितों और आदिवासियों को आरक्षण नहीं दिया जाता है। कांग्रेस ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में लागू व्यवस्था का कभी विरोध नहीं किया। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस का आचरण पूरी तरह दलित विरोधी रहा है। कांग्रेस के दलित विरोधी चेहरे का प्रमाण यह भी है कि 2004 में सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने जस्टिस रंगनाथ मिश्रा रिपोर्ट के माध्यम से एक वर्ग विशेष को एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण देने का षड्यंत्र रचा था। देश के कुछ हिस्सों में मुस्लिम समुदाय को पहले से ही एसटी कोटे के माध्यम से आरक्षित किया गया है। कर्नाटक में कांग्रेस ने एक वर्ग विशेष को ओबीसी बनाकर ओबीसी समुदाय के साथ कुठाराघात किया है।
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