Delhi News:इस बच्चे के लिए विदेश से आया 17.5 करोड़ का इंजेक्शन, हाल जानने पहुंचें केजरीवाल

Delhi News । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेनेटिक स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (एसएमए) से ग्रसित कनव से मिलने के लिए मंगलवार को नजफगढ़ के नंगली सकरावती स्थित उनके घर पहुंचे और उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कनव डेढ़ साल का बच्चा है।
कनव जब पैदा हुआ तो उसे एक जेनेटिक बीमारी थी। इसकी वजह से कनव के पैरों में बिल्कुल जान नहीं थी। वह खड़ा नहीं हो सकता था। पैर काम नहीं कर रहे थे। यह बीमारी धीरे-धीरे पैरों से ऊपर शरीर में जाने लगी और कनव को बैठने में दिक्कत होने लगी। कनव के माता-पिता ने बहुत सारे टेस्ट करवाए। टेस्ट से पता चला कि कनव को आनुवंशिक बीमारी है। अगर 24 महीने के अंदर इस बीमारी का इलाज नहीं कराया गया तो ये बीमारी धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाएगी और फेफड़े भी काम करना बंद कर देंगे। इससे जान का खतरा हो सकता है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कनव के माता-पिता ने इस बीमारी के इलाज के बारे में पता किया और पता चला कि इस बीमारी का एक ही इंजेक्शन है, जिसकी कीमत 17.5 करोड़ रुपए है। यह इंजेक्शन अमेरिका से आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में इस बीमारी के अभी तक 9 मामले आए हैं और दिल्ली में यह पहला मामला है।

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केजरीवाल ने बताया कि कनव के माता-पिता मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। इनके लिए 17.5 करोड रुपये का इंतजाम करना आसान नहीं था। इस पैसे के इंतजाम के लिए कनव के माता- पिता ने पंजाब से हमारे राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा से संपर्क किया। सांसद संजीव अरोड़ा कई सारे चैरिटेबल कार्य करते हैं।
इनके कई एनजीओ भी हैं। एनजीओ के जरिए संजीव अरोड़ा लोगों की मदद करते हैं। संजीव अरोड़ा ने लोगों से अपील कर कहा कि कनव को बचाने के लिए डोनेशन दीजिए। संजीव अरोड़ा की अपील पर बहुत सारे लोगों ने डोनेशन दिया। इस देश में अच्छे दिल वालों, दानवीरों की कमी नहीं है। लिहाजा, कनव की मदद करने के लिए बहुत सारे लोग सामने आए।
केजरीवाल ने बताया कि विभिन्न लोगों से मिले डोनेशन से कनव के माता-पिता के पास 10.50 करोड़ रुपए इकट्ठा हुए। इसके बाद इन्होंने इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी को फोन किया और 10.50 करोड रुपये में इंजेक्शन देने की अपील की। कंपनी वालों ने भी सहयोग किया और उन्होंने 10.50 करोड रुपये में वो इंजेक्शन दे दिया। हम कंपनी का भी शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। केंद्र सरकार ने इंजेक्शन पर से आयात शुल्क हटा दिया था। हम केंद्र सरकार का भी शुक्रिया यदा करते हैं।

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इंजेक्शन लगने के बाद बच्चा जी सकता है सामान्य जीवन
विशेषज्ञ के मुताबिक, इस बीमारी से ग्रसित बच्चों को अगर सही समय पर यह विशेष इंजेक्शन दिया जा सके तो न केवल इनकी जिंदगी बचाई जा सकती है, बल्कि ये दूसरे बच्चों की तरह सामान्य जिंदगी भी जी सकते हैं। एसएमए से ग्रसित बच्चों के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं और उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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