Delhi News। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के अंतर्गत स्थापित भारतीय पुनर्वास परिषद से संबंधित निकाय राष्ट्रीय पुनर्वास परीक्षा बोर्ड द्वारा दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। शुक्रवार को डॉ अंबेडकर इन्टरनेशनल सेंटर में आयोजित दीक्षांत समारोह में 18 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। इनमें 17 छात्राएं शामिल हैं।
दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने अपने संबोधन में कहा कि यह एक अद्भुत और अनूठा कार्यक्रम है। खुशी कि बात है कि दीक्षांत समारोह में पुरस्कृत 18 विद्यार्थियों में 17 लड़कियां शामिल हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी के उस सपने की ओर इंगित करता है, जिसमें उन्होंने हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें सशक्त बनाने की बात कही है।
यह भी पढ़े : Delhi News: गंभीर श्रेणी में पहुंचा प्रदूषण, ग्रैप का तीसरा चरण फिर लागू
उन्होंने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के सर्वांगीण विकास में परिवार के साथ ही शिक्षकों का भी योगदान महत्वपूर्ण होता है। हर भारतीय आज प्रधानमंत्री मोदी के विचारों के साथ आगे बढ़ रहा है। देश का हर वर्ग जब मिलकर देश की प्रगति में सहयोग करेगा तो फिर भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि एक बच्चे के विकास में परिवार के साथ-साथ शिक्षकों की भूमिका बेहद अहम होती है। दिव्यांग बच्चों को पहले किसी विशेष स्कूल में दाखिला लेना बहुत कठिन होता था परन्तु अब ऐसा नहीं है। दिव्यांग बच्चों के विकास में भारतीय पुनर्वास परिषद बहुत ही अहम और सराहनीय भूमिका निभा रहा है। साथ ही भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ काम करने की भी जरूरत है।