Darul Uloom: दाढ़ी रखना इसलिए सुन्नत, जानें तर्क

Darul Uloom: इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम की ओर से एक नया फरमान यानि आदेश जारी किया है। इसमें कहा है कि संस्थान में पढ़ रहा कोई भी छात्र अपनी दाढ़ी नहीं कटवाएगा। यदि दाढ़ी कटवाता है, तो उसको सीधा सस्पेंड किया जाएगा। दारुल उलूम 6 फरवरी को दाढ़ी कटवाने पर 4 छात्रों को निष्कासित भी कर चुका है।सहारनपुर स्थित दारुल उलूम के शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना हुसैन अहमद हरिद्वारी ने सोमवार को इस संबंध में फतवा चस्पा किया।

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Darul Uloom: दरअसल दारुल उलूम के इस फैसले का उलेमा ने भी पूरा समर्थन किया है। मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा, हर वह चीज, जिसे हजरत मोहम्मद साहब ने अपनाया है। वह सुन्नत है। हर मुसलमान को सुन्नत और शरई उसूलों पर चलकर अपना जीवन गुजारना चाहिए। इस्लाम में दाढ़ी रखना सुन्नत है। इसे रखना चाहिए। मौलाना कासमी ने कहा, सुन्नत को तर्क (अलग) करना यह ठीक नहीं है।

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Darul Uloom: अलबत्ता अगर कोई दाढ़ी नहीं रखता है, तो वह इस्लाम से खारिज नहीं हो जाता है। हजरत मोहम्मद साहब ने जो अमल किया है, मुसलमानों (muslims) को वैसे ही करना चाहिए। वह उसका अमल करें। इस्लाम में एक मुश्त (मुठ्ठीभर) दाढ़ी रखना सुन्नत है। अगर इससे ज्यादा बढ़ी हुई दाढ़ी को कटवा लिया जाए, तो इसमें कोई हर्ज नहीं है।
वही दारुल उलूम ने छात्रों को अनुशासन में रहने की नसीहत दी। खासकर दाढ़ी कटवाने वाले छात्रों को सख्त चेतावनी दी गई है। नोटिस में कहा गया है कि यदि कोई पुराना छात्र दाढ़ी के बिना मिला, तो उसको निष्कासित किया जाएगा। दाढ़ी कटवाकर संस्था में प्रवेश के लिए आने वाले छात्रों का दारुल उलूम में एडमिशन भी नहीं किया जाएगा।

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