क्रिकेटर शिखर धवन का फेसबुक पर परवान चढा था प्यार, कोर्ट ने इसलिए मंजूर किया तलाक
दिल्ली में फैमिली कोर्ट ने को क्रिकेटर शिखर धवन को आयशा मुखर्जी से तलाक की मंजूरी दे दी। कोर्ट ने माना कि आयशा ने शिखर के साथ मानसिक क्रूरता की। बताया जा रहा है कि दोनों को प्यार फेेसबुक पर परवान चढा था। आपको बता दें कि अदालत ने तलाक याचिका में धवन के आरोपों को इस आधार पर मंजूरी दी कि आयशा ने या तो इनका विरोध नहीं किया या फिर वे खुद का बचाव करने में विफल रहीं। धवन उम्र में आयशा से दस साल छोटे हैं। जज हरीश कुमार ने माना कि आयशा ने धवन को बेटे से एक साल तक दूर रखकर उन्हें मानसिक यातना झेलने को मजबूर किया। फिलहाल कोर्ट ने बेटे की स्थायी कस्टडी पर फैसला नहीं दिया। शिखर धवन, भारत और ऑस्ट्रेलिया में बेटे के साथ जरूरी समय बिता सकते हैं। उससे वीडियो कॉल पर बात कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता मशहूर इंटरनेशनल खिलाड़ी और देश के लिए गौरव हैं। अगर वो भारत सरकार से मदद मांगें तो ऑस्ट्रेलिया सरकार से बेटे की कस्टडी या मुलाकात के अधिकार पर मदद की कोशिश की जानी चाहिए।
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पूर्व पति से कमिटमेंट ने आयशा को हटाया पीछे
धवन की याचिका के अनुसार, आयशा ने पहले उनके साथ भारत आकर रहने की बात कही थी। हालांकि, बाद में वो अपने पूर्व पति से कमिटमेंट के चलते अपनी बात से पीछे हट गईं।पहली शादी से आयशा की दो बेटियां हैं। उन्होंने पूर्व पति से वादा किया था कि वे बेटियों को लेकर ऑस्ट्रेलिया में ही रहेंगी। कोर्ट ने इसे भी धवन का मानसिक उत्पीड़न माना। आयशा पर धवन के खिलाफ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सदस्यों और साथी खिलाड़ियों को अपमानजनक मैसेज भेजने का आरोप भी सही पाया। आयशा ने दावा किया था कि उन्होंने महज तीन लोगों को ऐसे मैसेज भेजे थे, लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने शिखर धवन के आरोपों को भी सच पाया कि कोरोना काल के दौरान जब वो पिता के साथ रहना चाहते थे तो आयशा ने काफी झगड़ा किया था।
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धवन देते थे 10 लाख रुपए महीने का खर्च
आयशा के खिलाफ यह भी आरोप सच पाया गया कि वो जब बेटे को लेकर भारत रहने आईं तो धवन को मजबूर किया कि उनकी दो बेटियों को महीने का खर्च भेजें। यहां तक कि उनके स्कूल की फीस भी धवन को ही चुकानी पड़ी। ऐसे में काफी समय तक धवन ने करीब 10 लाख रुपए हर महीने उन्हें भेजे। कोर्ट ने यह भी पाया कि आयशा ने जबरन दबाव बनाकर ऑस्ट्रेलिया में धवन की तीन संपत्तियों में 99 प्रतिशत मालिकाना हक हासिल कर लिया। साथ ही दो अन्य संपत्तियों में भी अपना नाम जोड़ दिया।