प्राधिकरण के टेंडरर्स में भ्रष्टाचार की खुलेगी पोल, सीईओ बड़े-बड़े टेंडर की खंगालेंगे फाइल!

नोएडा प्राधिकरण में कितना भ्रष्टाचार है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी सीईओ डॉ लोकेश एम ने चार्ज संभालते ही भ्रष्टाचार पर वार करने के लिए प्लान तैयार कर लिया है। इससे जनता को कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन प्राधिकरण के धन का दुरुपयोग रुक जाएगा। अलग-अलग टेंडरर्स में होने वाले भ्रष्टाचार यानी कमीशनखोरी पर लगाम लगाने के लिए सीईओ ने बड़े-बड़े टेंडर की फाइलें खंगालनें की शुरूआत कर दी है। इतना ही नहीं उन्होंने कई स्थानों पर मौके पर जाकर विकास कार्यों की जायजा लिया तो उन्होंने इन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए। इसका मतलब यह हुआ कि पहले जो काम हो रहे थे उनमें कहीं ना कहीं कमी थी। जो नए सीईओ को दिखाई दे गई।

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प्राधिकरण में चर्चाएं होने लगी है कि कुछ ठेकेदारों की पुरानी फाइल खुलवा सकते हैं क्योंकि यहां उन्हें टेंडर में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। यह तो वक्त बताएंगा कि वे ठेकेदारों पर कितनी लगाम कस पाते हैं, लेकिन इतना जरूर है ठेकेदारों के साथ साथ अपने अधिकारी और कर्मचारियों पर शिकंजा कसेंगे। क्योंकि भ्रष्टाचार केवल ठेकेदारों तक ही सीमित नहीं है। बल्कि प्राधिकरण में करोड़ों रुपए कमीशनखोरी की भेंट चढ़ जाते हैं। अब पुराने अटकें हुए प्रोजेक्ट पर भी उनका ध्यान है ताकि जल्द से जल्द इन्हें पूरा किया जा सकें। नोएडा प्राधिकरण के खुद के कार्यालय के निर्माण को सालों बीत चुके है मगर आज भी काम बहुत बाकी है। अपने आॅफिस को नई इमारत में स्थापित करना भी एक चुनौती होगी।

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