लोगों को पेट्रोल-डीजल (petrol diesel ) की किमतों में बढौतरी के चलते सीएनजी (CNG) और इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) पर जाने को मजबूर होना पड रहा है लेकिन अब सीएनजी के दाम जेब काटने को तैयार हो रहे है। यानि गैस ( CNG RATE HIKE) के दाम बढने वाले है। इस बार गैस की दरों में यह तीसरी वृद्धि होगी। बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मजबूती के कारण इनमें तेजी आई है। नेचुरल गैस उर्वरक बनाने के साथ बिजली पैदा करने के लिए जरूरी कच्चा माल है।
अक्टूबर के महीने में महंगाई का नया रिकार्ड बानाने वाली है। नेचुरल गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर दी गई है। इससे देश में बिजली उत्पादन, उर्वरक बनाने और वाहनों को चलाने में इस्तेमाल होने वाली गैस महंगी हो जाने की आशंका है।
उल्लेखनीय है कि नेचुरल गैस उर्वरक बनाने के साथ बिजली पैदा करने के लिए एक प्रमुख कच्चा माल है। इसे सीएनजी में भी बदला जाता है और पाइप्ड नेचुरल गैस () यानी रसोई गैस के रूप में भी इस्तेमाल होती है।
दरसल इस सबके चलते नेचुरल गैस की दरों में भारी वृद्धि से सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका है, जो पहले से ही पिछले एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी हैं। गैस की कीमतें मुद्रास्फीति को और भी बढ़ा सकती हैं जो पिछले आठ महीनों से आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर चल रही है।