Champions Trophy 2025: आठ साल के लंबे इंतजार के बाद चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की वापसी हो रही है। पिछली बार 2017 में खेले गए इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान ने भारत को हराकर खिताब जीता था। इस बार भी पाकिस्तान ही मेजबान है और 19 फरवरी को कराची में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच उद्घाटन मुकाबले के साथ इस टूर्नामेंट की शुरुआत होगी।
Champions Trophy 2025:
विवादों के बीच टूर्नामेंट का आगाज
चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन को लेकर लंबे समय तक अनिश्चितता बनी रही। सुरक्षा कारणों से भारतीय टीम ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया, जिसके चलते उनके सभी मुकाबले दुबई में खेले जाएंगे। यह 1996 विश्व कप के बाद पाकिस्तान में होने वाला पहला आईसीसी टूर्नामेंट है।
पाकिस्तान पर घरेलू दबाव
गत विजेता पाकिस्तान पर इस बार दोहरा दबाव होगा। घरेलू परिस्थितियों में मोहम्मद रिजवान की टीम को प्रदर्शन करना होगा और दर्शकों की उम्मीदों पर भी खरा उतरना होगा। पाकिस्तान को कठिन ग्रुप में रखा गया है, जहां उसे हर मुकाबले में सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाना होगा। इस बार टूर्नामेंट में आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिन्हें दो ग्रुप में बांटा गया है। हर टीम लीग स्टेज में तीन मुकाबले खेलेगी, और ग्रुप की शीर्ष दो टीमें सेमीफाइनल में प्रवेश करेंगी।
रोहित-विराट के लिए आखिरी वनडे टूर्नामेंट?
भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में प्रबल दावेदार मानी जा रही है। हालांकि, सभी की निगाहें रोहित शर्मा और विराट कोहली पर टिकी होंगी, जो अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं। भारतीय वनडे टीम में यह उनका आखिरी टूर्नामेंट हो सकता है। चैम्पियंस ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन का असर भारतीय टेस्ट टीम पर भी पड़ सकता है। कोच गौतम गंभीर के लिए भी यह टूर्नामेंट अहम होगा, क्योंकि आईसीसी खिताब उनके लिए स्थिरता ला सकता है। भारत ने 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में यह टूर्नामेंट जीता था, लेकिन इसके बाद कोई वनडे आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है।
प्रतिद्वंद्वी टीमें और खिताबी दावेदार
ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने प्रमुख तेज गेंदबाजों पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड के बिना आई है, लेकिन उसके पास बेहतरीन बल्लेबाज हैं। इंग्लैंड के कुछ वरिष्ठ खिलाड़ी फॉर्म और उम्र से जूझ रहे हैं, लेकिन जोस बटलर, जो रूट और लियाम लिविंगस्टोन से एक बार फिर दमदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है।
न्यूजीलैंड इस बार ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी के बिना उतरा है, लेकिन कप्तान केन विलियमसन उनकी बड़ी ताकत होंगे। दक्षिण अफ्रीका ने 1998 में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी जीती थी और अब एक और खिताब जोड़ने की कोशिश करेगा। वहीं, पाकिस्तान अगर भारत के खिलाफ मुकाबले को लेकर भावनात्मक होने से बचा तो खतरनाक साबित हो सकता है।
अफगानिस्तान और बांग्लादेश की चुनौती
अफगानिस्तान की जीत को अब उलटफेर नहीं माना जाता। राशिद खान, अजमतुल्लाह उमरजई और रहमानुल्लाह गुरबाज जैसे मैच विजेता खिलाड़ी उनकी ताकत हैं। दूसरी ओर, बांग्लादेश 2007 वनडे विश्व कप में उलटफेर कर चुका है और इस बार भी कुछ नया करने की कोशिश करेगा।
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