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केंद्र और प्रदेश की सरकारें एससी एसटी और पिछड़ा वर्ग के अधिकारों पर कर रही है कुठाराघात – कुमारी सैलजा
कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी की सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हकों पर कुठाराघात कर रही है। कानून बनने के चार वर्ष बाद भी अनुसूचित जाति आयोग का गठन नहीं हो पाया है। वहीं पहली से आठवीं तक के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों की प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति भी बंद कर दी गई है। भाजपा सरकार की गरीब विरोधी मानसिकता सबके सामने एक बार फिर उजागर हो गई है।
यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि पहले पहली से आठवीं तक के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति का लाभ मिलता था। मगर इस वर्ष से यह योजना पहली से आठवीं तक के छात्रों के लिए बंद कर दी गई है। इसी के साथ प्रदेश में कानून बनने के चार वर्ष बाद भी अनुसूचित जाति आयोग का गठन नहीं हो पाया है। वर्ष 2018 में विधानसभा से हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग विधेयक पारित हुआ था। राज्यपाल ने भी इसे अपनी मंजूरी दी थी। मगर चार वर्ष बाद भी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर षड्यंत्र के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के हकों पर कुठाराघात कर रही है। यह पहला मौका नहीं है इससे पहले भी अनुसूचित जाति के हकों पर लगातार कुठाराघात किया जाता रहा है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा और आरएसएस लगातार इन वर्गों के खिलाफ षड्यंत्र रचती आ रही है। जब से भाजपा सरकार आई है, शोषित व वंचित वर्ग पर अत्याचार बढ़े हैं, विकास के कार्य भी रुक गए हैं। केंद्र में कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में शोषित व वंचित वर्गों के लिए अनेक कार्य किए व कानून बनाए। जिससे इन वर्गों के लोगों को अधिकार व न्याय मिल सके। मगर भाजपा सरकार लगातार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को मिले अधिकारों को खत्म करने का प्रयास कर रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रोत्साहन की बजाय हतोत्साहित करना और गरीब विरोधी भाजपाई मानसिकता सबके सामने है। सरकार तुरंत प्रभाव से प्रदेश में अनुसूचित आयोग का गठन करे और पहली से आठवीं तक के छात्रों के लिए बंद की गई छात्रवृत्ति योजना को शुरू करे।