CBI Investigation: नोएडा के ज्यादातर मामलों में फेल हो गई सीबीआई

CBI Investigation:  कोई भी बड़ा अपराध हो या बड़ा घोटाला, जब बात विश्वास के साथ जांच की आती है तो सीबीआई का नाम लिया जाता है। देशवासियों का सीबीआई जांच पर बहुत भरोसा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सीबीआई की शाख गिरती नजर आई है। नोएडा के निठारी कांड में जब आमजन का भरोसा पुलिस जांच से उठ गया तो उन्होंने डिमांड शुरू कर दी मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। 17 वर्ष निकल गए हुआ क्या? दोनों ही आरोपी बरी हो गए। नोएडा के सबसे चर्चित निठारी कांड और आरुषि हेमराज हत्याकांड दोनों में ही सीबीआई फेल साबित हुई। नोएडा में जितने भी बड़े मामले हुए और उन सभी घटनाओं की जांच सीबीआई को गई, मगर आज भी यह सभी घटनाएं रहस्य बनी हुई है।

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सीबीआई की जांच को ही निठारी कांड में हाईकोर्ट ने कटघरे में खड़ा कर दिया। आज तक सीबीआई आरुषि हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपत्ति पर आरोप सिद्ध नहीं कर पाई है। सीबीआई की कोर्ट में सजायाफता आरुषि के माता-पिता डाॅ नूपुर तलवार और डॉ राजेश तलवार को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई और सीबीआई की तमाम दलीलें और साक्ष्य खारिज कर दिये गए। 2010 में सीबीआई को मिली एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्र जस्टिन की जांच में भी अब तक कोई सफलता दिखाई नहीं दे रही। जस्टिन की स्विमिंग पूल में मौत हुई थी। 13 अप्रैल 2013 को अंकित चैहान की हत्या हुई। अंकित पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह हत्या वक्त हुई जब वह अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी से घर लौट रहा था। मामले की जांच 2013 में सीबीआई को दी गई। सीबीआई कुछ नहीं कर पाई।

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यूपी एसटीएफ में 2 जून 2017 को खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और फॉर्च्यूनर लूट के रूप में इस वारदात को बताते हुए कहा कि इसीलिए अंकित चैहान की हत्या की गई। 2013 में ही शशांक यादव की हत्या हुई। नोएडा स्टेडियम महिला शौचालय में उसका शव लटका मिला। पुलिस जांच करती रही कोई सुहाग नहीं मिला फिर सीबीआई से जांच की बात कही गई। यानी मांग उठाई गई लेकिन आज भी सीबीआई जांच ही कर रही है। 2017 में मणिपुर के छात्र प्रवीश चनम की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई। सेक्टर 31 में उसका शव मिला। बताया गया कि ग्रेटर नोएडा में एक म्यूजिक कॉन्सर्ट में शामिल होने के लिए आया था। इस मामले में भी जांच सीबीआई कर रही है, मगर अब तक सीबीआई खाली हाथ है। 2018 में सीबीआई को एक और जांच दी गई। अभिनव मित्तल जो कि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। पुलिस ने उनकी गुमशुदगी दर्ज की और तलाश शुरू कर दी। 4 साल तक कुछ पता नहीं कर पाए। उनके पिता सत्यनारायण मिल्लत हाईकोर्ट गए और हाईकोर्ट से सीबीआई जांच के आदेश कर लिए मगर अब भी उनको पता नहीं चल पाया है उनके बेटे के साथ क्या हुआ है। सीबीआई न जाने कितने मामलों की जांच कर रही है जिनका सालों बितने के बाद भी कोई सुराग नही लग पा रहा है। यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और ओपी सिंह कहते है कि पुलिस और सीबीआई की खराब विवेचना के चलते निठारी कांड में आरोपियों पर आरोप सिद्व नही हो पाए है।

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