24 Nov, 2024
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कृषि-पर्यटन में भारत की धाक, किसानो की बदल रहा जिन्दगी

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की जीडीपी में भले ही कृषि का योगदान कम हो लेकिन रोजगार देने में प्रथम स्थान है। संवहनीय व्यवसायों और विकास माॅडल में तीन कारक अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। ‘प्लेनेट’ मतलब हमारी पृथ्वी, ‘पीपुल’ मतलब लोग और ‘प्रॉफिट’ यानी कारोबारी मुनाफा। संवहनीयता के लिये कृषि और ग्रामीण पारितंत्र सेवाएँ, […]

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History Of India: आधुनिक भारत संक्लपना करने वालो में सबसे आगे थे नहेरू

  “भारत माता की जय उसकी भूमि पर रहने वाले इन सबकी जय है। इन वक्यों को कौन कह सकता है इन शब्दों से अंदाजा लगाया जा सकता है।” कौन इस तरह भारत माता को परिभाषित करते हुए जय बोल रहा है। यह कथन आजादी के एक ऐसे महानायक का है जिसके बारे में असंख्य […]

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कौटिल्या की पुस्तक में 40 प्रकार भ्रष्टाचार

  आम जीवन में नियम-मूल्यों के विरुद्ध आचरण को भ्रष्ट आचरण माना जाता है। जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के नियमों के विपरीत जाकर, अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए गलत व्यवहार करने लगता है तो वह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलाता है। विज्ञान और तकनीक ने जहां मानव के जीवन को आसान बनाया तो वही मानव की निजी […]

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मैथ्स में रामानुजन के आविष्कार और योगदान

जिस तरह मोर में उसकी कलगी और नागों में उसकी मणि का विशिष्ट स्थान होता है ठीक उसी प्रकार सभी वेदांगों में गणित का स्थान सर्वोपरि है, हो भी क्यों न। भारत में प्राचीन काल से ही आर्यभट्ट, वराहमिहिर, नारायण पंडित और भाष्कराचार्य जैसे अनेक महान गणितज्ञ हुए हैं जिन्होंने अपनी गणितीय खोजों द्वारा पूरे […]

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आज के युग में बौद्ध धर्म से कितना अलग है मार्क्सवाद

  डॉ भीमराव अंबेडकर की महापरिनिर्वाण दिवस उनकी पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। आज की 21वी सैचुरी में बौद्ध धर्म और मार्क्सवाद एक दूसरे से कितना अलग है और कितना समान आईए जानते है। समानताओं को दर्शाने में आंबेडकर पहले दोनों के मूल दर्शन को साफ-सुथरी बुलेट प्वाइंट में संघनित करते हैं। बौद्ध […]