Business: वर्ष 2004-14 का दशक खराब नीतियों, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा था: सीतारमण
Business: विशाखापत्तनम। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के 2014 से पहले के दस साल बुरी नीतियों और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए थे, लेकिन उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक दशक में देश कोविड महामारी के बावजूद वैश्विक रैंकिंग में 10वें स्थान से उठ कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। वह जीआईटीएएम विश्वविद्यालय के विशाखापत्तनम परिसर में ‘विकसित भारत की ओर यात्रा’विषय पर व्याखान दे रही थी। उन्होंने कहा, “2014 से पहले, दस साल ख़राब नीतियों और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए थे। अर्थव्यवस्था 2004 में जहां थी वहां से भी नीचे चली गयी थी। 2004 में भारत 12वें स्थान पर था और 2014 में 10वें स्थान तक पहुंच सका।” उन्होंने सवाल किया, “उन दस वर्षों के निराशजनक कालखंड में हम केवल दो पायदान ही ऊपर क्यों उठ सके?”
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श्रीमती सीतारमण ने कहा, “दूरदर्शी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने सभी भ्रष्टाचार को रोका और सुनिश्चित किया, कोविड के बावजूद, हम पांचवें स्थान पर पहुंचे। उनके तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।” वित्त मंत्री ने कहा, “1991 में हमने अर्थव्यवस्था को खोलने का फैसला किया। नए अवसर पैदा हुए, विदेशों से अधिक संसाधन आए, जिससे बदालवा आया और हम आगे बढ़े। इसके बावजूद कई चीजें जो हो सकती थीं, नहीं हुईं। हमने महसूस किया कि उदारीकरण से भी भारत को कोई ज्यादा मदद नहीं मिल सकी।” उन्होंने इसके लिए पुरानी नीतियों को दोषी बताया।
श्रीमती सीतारमण ने पिछले कुछ दशकों की आर्थिक नीतियों के बारे में बात करते हुए कहा, “लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारत के अपने प्रयास चल रहे थे, लेकिन वे असरदार नहीं थे। हमने अपनी अर्थव्यवस्था को जिस तरह बना रखा था उसके बोझ में हम सभी दब गए थे। सभी सबको एक ही पलड़े पर तौलने वाला फार्मूला अपनाया जा रहा था।”
विकसित भारत मिशन में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “हमें निराशा फैलाने वालों का सामना करने के लिए ‘विकसित भारत’ के संदेश को मुखर करने वालों की आवश्यकता है। हमें अपने लिए और भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक विकसित देश बनने की आवश्यकता है। ” वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हमें प्रयास करने होंगे कि हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़े और सभी लोगों को उसका लाभ मिले।
उन्होंने कहा कि यह अपने आप नहीं होगा। इसके लिए इकाई के स्तर पर और समग्र स्तर पर धरातल पर प्रयास करने होंगे। हमें निवेश और नौकरियों में वृद्धि करने की जरूरत है। शिक्षा संस्थान खोलने है और यह देखना है कि लोगों के पास घर खरीदने और कारोबार करने के लिए पैसा हो।
इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने विद्यार्थियों के कई प्रश्नों के उत्तर दिए और और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने सबके सहयोग और समर्पण को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया। जीआईटीएएम विश्वविद्यालय के अध्यक्ष श्रीभारत मथुकुमिल्ली ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया।
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