Business: गुरुग्राम: प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) के चेयरमैन दीपक मैनी ने रविवार को कहा कि बंगलादेश में राजनीतिक अस्थिरता के वातावरण से भारत के उद्योग और व्यापार जगत के नकारात्मक रूप से प्रभावित होने की आशंक है। श्री मैनी ने यहाँ जारी बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में बंगलादेश से भारत द्वारा आयात किए गए कुल 1154 वस्तुओं का मूल्य 2.02 अरब डॉलर रहा था। जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 1.97 अरब डॉलर था। वहीं बंगलादेश को भारत से भी कई वस्तुओं का निर्यात किया जाता है। गारमेंट उद्योग की बात करें तो इसका बंगलादेश से काफी कुछ लेना-देना होता है।
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श्री मैनी ने कहा कि बंगलादेश, भारत एक बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत बंगलादेश के लिए चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। बंगलादेश में भारत का काफी निवेश है। अखौरा-अगरतला रेल लिंक, खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन और मैत्री थर्मल प्लांट.अखौरा-अगरतला जो पहली ट्रेन सेवा प्रमुख है। यह रेल सेवा पूर्वोत्तर भारत को बांग्लादेश से जोड़ने में अहम भूमिका निभाती है। इंडियन रेलवे ने लाइन ऑफ क्रेडिट कार्यक्रम के अंतर्गत बंगलादेश के रेल इंफ्रास्ट्रक्चर में लगभग 1,000 करोड़ का निवेश किया है। पीएफटीआई चेयरमैन का कहना है कि कई प्रकार के उत्पाद हरियाणा से भी आयात-निर्यात किए जाते हैं। दिल्ली-एनसीआर के 50 से अधिक गारमेंट एक्सपोर्टर हैं जो बंगलादेश में अपनी यूनिट कर भारत या अन्य देश में अपने प्रोडक्ट का निर्यात करते हैं। इन सभी ने लगभग 2000 करोड़ रुपये का निवेश वहां किया हुआ है। बंगलादेश के वर्तमान हालात में इन सभी की सांसें अटकी हुईं हैं।
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बंगलादेश में अडानी समूह का भी भारी-भरकम निवेश है। अडानी पावर की ओर से वर्ष 2017 में बंगलादेश पावर डेवलपमेंट के साथ 25 साल का समझौता किया गया था। इस निवेश का क्या होगा इसके भविष्य के बारे में अभी कुछ जल्दबाजी होगी। बंगलादेश में डाबर, मारिको, हीरो मोटोकॉर्प, टीवीएस मोटर ने भी खूब निवेश किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत पर बंगलादेश की निर्भरता इतनी अधिक है कि वह किसी भी हाल में भारत का साथ नहीं छोड़ सकता है। बंगलादेश में हीरो मोटोकॉर्प और टीवीएस असेंबलिंग प्लांट है। भारतीय टेलीकॉम कंपनी एयरटेल का बांग्लादेश की टेलीकॉम कंपनी रॉबी एक्सीआटा में 28 प्रतिशत का निवेश है। उन्होंने कहा कि भारत और बंगलादेश के बीच हाल ही में रुपये में व्यापार की शुरुआत हुई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में बंगलादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ 22 जून को इसे लेकर समझौता किया था लेकिन उस पर भी अब प्रश्न चिन्ह लगने की संभावना पैदा हो गई है।