Brasilia/Washington News: ट्रंप प्रशासन ने ब्राजील के न्यायाधीशों पर लगाए प्रतिबंध, ब्राजील ने जताया कड़ा विरोध

Brasilia/Washington News:  ब्राजील में चल रहे एक हाई-प्रोफाइल मुकदमे से नाराज डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस मामले की सुनवाई कर रहे ब्राजीली न्यायाधीशों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है, जिस पर ब्राजील ने कड़ा विरोध जताया है।
मामला ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो से जुड़ा है, जिन पर 2023 में सत्ता पलटने की कोशिश करने का आरोप है और उनके खिलाफ एक मुकदमा चल रहा है। डोनाल्ड ट्रंप, जो बोल्सोनारो के करीबी माने जाते हैं, ने इस मुकदमे को “अंतर्राष्ट्रीय अपमान” बताते हुए ब्राजील की न्यायिक प्रक्रिया की कड़ी आलोचना की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को घोषणा की कि वाशिंगटन “जायर बोल्सोनारो के खिलाफ राजनीतिक साजिश” के लिए इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश आलेक्जांडर डी मोरेस का अमेरिकी वीजा रद्द कर रहा है।
ब्राजील के वर्तमान राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने अमेरिकी कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ब्राजील एक संप्रभु देश है और बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा। लूला ने जोर देकर कहा कि न्यायिक कार्यवाही पूरी तरह से ब्राजील की न्यायपालिका के अधीन है और इस पर कोई बाहरी दबाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप प्रशासन ने बोल्सोनारो के मुद्दे पर ब्राजील के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। इससे एक हफ्ते पहले भी ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो के साथ सरकार के रवैये को लेकर ब्राजील पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इस टैरिफ को 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी होना है।
दोनों देशों के बीच यह बढ़ता टकराव अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कूटनीतिक संबंधों पर व्यापक असर डाल सकता है। ब्राजील लैटिन अमेरिका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अमेरिका उसका एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है।

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