राहुल गांधी ने अपने संबोधन में दोहराया कि चुनाव आयोग सहित कई संस्थाएं भाजपा द्वारा ‘कब्जा’ की जा रही हैं। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि भारत की चुनाव व्यवस्था में गंभीर समस्या है।” उन्होंने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का उदाहरण देते हुए ‘वोट चोरी’ के पुराने आरोपों को फिर से उठाया। राहुल ने दावा किया कि हरियाणा में मतदाता सूची में डुप्लिकेट नाम थे, जैसे एक ब्राजीलियाई महिला का चेहरा 22 बार इस्तेमाल हुआ, और चुनाव आयोग ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।
राहुल गांधी वर्तमान में जर्मनी की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा भारतीय संविधान को खत्म करने की प्रस्तावना कर रही है और विपक्ष को इसका मुकाबला करने के लिए नई रणनीति बनानी होगी। उन्होंने प्रदूषण, उत्पादन और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की।
भाजपा का तीखा पलटवार
राहुल गांधी के बयानों पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें विदेश में भारत की छवि खराब करने वाला बताया। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने राहुल को ‘भारत विरोधी नेता’ करार दिया। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी ‘प्रोपगैंडा के नेता’ बन गए हैं, जो विदेश जाकर भारत को बदनाम करते हैं और चीन की तारीफ करते हैं।
भाजपा का कहना है कि संसद सत्र चल रहा है, ऐसे में राहुल गांधी का विदेश जाना और संस्थानों पर आरोप लगाना अनुचित है।
चुनाव आयोग का पिछला रुख
यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया है। इससे पहले 2025 में हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों को लेकर उठाए गए इसी तरह के दावों को चुनाव आयोग ने खारिज किया था। आयोग ने कहा था कि ये आरोप आधारहीन हैं और मतदाता सूची में गड़बड़ियों का चुनाव परिणामों से कोई सीधा संबंध साबित नहीं हुआ है।
इस ताजा विवाद पर चुनाव आयोग की ओर से अभी कोई नई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पुराने मामलों में आयोग ने कांग्रेस के आरोपों को गलत बताया था।
यह मुद्दा भारतीय राजनीति में संस्थाओं की स्वतंत्रता और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर बहस को फिर से गरमा रहा है। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं।

