Bihar Politics Update: नीतीश कुमार चुने गए NDA विधान मंडल दल के नेता, राज्यपाल को सौंपा BJP का समर्थन पत्र

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Bihar Politics Update: पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को सौंप दिया और इसके साथ ही उन्होंने महागठबंधन की सरकार से नाता भी तोड़ लिया. अब वह एनडीए खेमे में आकर नई सरकार में भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. यानी बिहार में गठबंधन तो बदल गया, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहेंगे, यह बात बिल्कुल पक्की है. बता दें कि नीतीश कुमार को पाला बदल राजनीति का माहिर कहा जाता है, लेकिन जदयू नेताओं का कहना है कि वह तो अपनी जगह ही रहते हैं बल्कि उन्हें समर्थन देने वाले पाला बदलते हैं. यहां के खास बात यह भी बता दें कि सीएम नीतीश बीते पांच वर्षों के भीतर तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
जाहिर है जदयू की बात कुछ हद तक सही भी कही जा सकती है क्योंकि महागठबंधन और एनडीए, दोनों खेमों के लिए नीतीश कुमार जरूरी और मजबूरी रहे हैं. दरअसल, वह बिहार की सियासत में एक बैलेंसिंग फैक्टर का काम करते हैं और जिस ओर जाते हैं सत्ता उस गठबंधन की ओर चली जाती है. हालांकि, एक बात फिक्स रहती है कि सत्ता की बागडोर नीतीश कुमार के हाथों में ही रहती है. एक बार फिर कुछ ऐसा ही हुआ है और नीतीश कुमार फिर सीएम पद की शपथ लेंगे. गौरतलब है कि 2015 में जब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार हैÓ स्लोगन दिया था तो इसके पीछे उनके जेहन में कहीं न कहीं यह सोच जरूर रही होगी.

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आठवीं बार मुख्यमंत्री पद छोड़ा, नौवीं बार दोबारा लेंगे शपथ

– नीतीश कुमार पहली बार 3 मार्च 2000 को सीएम बने थे। हालांकि, बहुमत न जुटा पाने की वजह से उन्हें 10 मार्च 2000 को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
– बिहार में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश भाजपा के समर्थन से दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए।
– 2010 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर नीतीश सीएम बने।
– लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह से उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद सौंपा। हालांकि, 2015 में जब पार्टी में अंदरुनी कलह शुरू हुई तो नीतीश ने मांझी को हटाकर एक बार फिर खुद सीएम पद ग्रहण किया।
– 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन) की एनडीए के खिलाफ जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने। यह कुल पांचवीं बार रहा, जब नीतीश ने सीएम पद की शपथ ली।
– डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया। उन्होंने जुलाई 2017 में ही पद से इस्तीफा दिया और एक बार फिर एनडीए का दामन थाम कर सीएम पद संभाला।
– 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की। हालांकि, जदयू की सीटें भाजपा के मुकाबले काफी घट गईं। इसके बावजूद नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली।
– 2022 में एनडीए से अलग होने के एलान के ठीक बाद नीतीश कुमार ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से जुडऩे का एलान कर दिया। इसी के साथ नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 28 जनवरी 2024 को उन्होंने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया।

तीसरी बार भाजपा के साथ
– 1996 में नीतीश ने भाजपा से पहली बार गठबंधन किया था। 3 मार्च 2000 को सीएम बने, लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने की वजह से पद छोड़ा और अटलजी की सरकार में केंद्र में रेल मंत्री बने।
– 1996 से 2013 तक नीतीश भाजपा के साथ रहे। जब नरेंद्र मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो वे एनडीए से अलग हो गए। 2015 में महागठबंधन की सरकार में सीएम रहे।
– दूसरी बार वे 2017 में एनडीए में लौटे और भाजपा की मदद से सरकार बनाई।
– 2024 में अब वे तीसरी बार भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बनेंगे। 28 साल में तीसरी बार वे भाजपा के साथ हैं।

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