जेपी सेनानियों की पेंशन हो गई दोगुनी, नीतीश कैबिनेट ने लगाई 30 प्रस्तावों पर मुहर

Bihar election slogan news: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जेपी आंदोलन से जुड़े सेनानियों के लिए बड़ी घोषणा की गई। नीतीश सरकार ने जेपी सेनानियों की सम्मान पेंशन को दोगुना करने का फैसला किया है। इस निर्णय के तहत, जेपी आंदोलन (18 मार्च 1974 से 21 मार्च 1977) के दौरान मीसा/डीआईआर के तहत एक माह से छह माह तक जेल में रहे सेनानियों की पेंशन 7,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये और छह माह से अधिक जेल में रहे सेनानियों की पेंशन 15,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है।
इसके साथ ही, कैबिनेट ने कुल 30 महत्वपूर्ण एजेंडों पर अपनी मंजूरी दी। इनमें से कुछ अन्य फैसलों में छह नए एयरपोर्ट के सर्वे के लिए 2.90 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी शामिल है। यह कदम बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार की ओर से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि जेपी आंदोलन में हिस्सा लेने वाले सेनानियों को सम्मानित करने की यह पहल न केवल उनकी कुर्बानी को याद दिलाती है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी संदेश देती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो स्वयं जेपी आंदोलन से जुड़े रहे हैं, ने इस अवसर पर कहा कि यह निर्णय जेपी सेनानियों के योगदान को सम्मान देने का एक प्रयास है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने 2009 में जेपी सेनानियों के लिए पेंशन योजना शुरू की थी, और अब इसे और सशक्त करने का निर्णय लिया गया है।
हालांकि, कुछ विपक्षी नेताओं ने इस फैसले को चुनावी लाभ के लिए उठाया गया कदम करार दिया है। कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि यह कदम जेपी सेनानियों के सम्मान से अधिक राजनीतिक फायदे के लिए लिया गया है। वहीं, जेपी सेनानियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है, लेकिन कुछ ने मांग की है कि पेंशन राशि को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तर्ज पर और आगे बढ़ाया जाए।
यह निर्णय बिहार में जेपी आंदोलन के सेनानियों के लिए न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगा, बल्कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चले आंदोलन की विरासत को भी जीवित रखेगा।

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