एक कहावत है दीया तले अंधेरा। ये कहावत नोएडा प्राधिकरण के अफसरों पर सटीक बैठती है। नोएडा के सेक्टर 27 मंे ज्यादातर प्राधिकरण के वो अफसर और कर्मचारी रहते हैं, जो प्राधिकरण व्यवस्था की रीढ़ हैं। यानी पूरा कामकाज इन्हीं के कंधों पर रहता है। मगर देखिए विडंबना ये है सेक्टर 27 ए ब्लॉक मुख्य मार्ग पर पानी की भूमिगत लाइन कई महीनों से टूटी हुई है और पानी सड़क पर भरा रहता है। इसके अलावा इसी से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के घर के बाहर भी पानी की लाइन टूटी है। वहाँ भी सड़क पर पानी भर रहा है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं। एक तरफ तो लोगों को पीने का पानी आसानी से महसर नहीं लेकिन सेक्टर 27 में पीने का पानी ही सड़क पर लबालब भरा है। जल विभाग के भी ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारी यहाँ से करीब 800 मीटर की दूरी पर रहते हैं, लेकिन उन्होंने आज तक नहीं देखा कि पानी बर्बाद हो रहा है। सेक्टर के कई लोगों ने शिकायतें भी की है। मगर अब जा कर गड्ढा खोदकर प्राधिकरण कर्मी चले गए हैंं। पिछले एक सप्ताह से गड्ढा ऐसे ही खुदा हैं और उसमें पीने का पानी भरा रहता है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब सेक्टर 27 का ये हाल हो सकता है, तो दूसरे सेक्टरों में क्या होता होगा? क्योंकि यहाँ तो आते-जाते, टहलते हुए खुद अधिकारी और कर्मचारी भी इस तरह की समस्या को देख सकते हैं। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम शहर में जगह जगह घूमकर सफाई व्यवस्था के साथ साथ अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जब सेक्टर 27 जैसे इलाके में इस तरह की लापरवाही होगी तो व्यवस्था कैसे सुधर सकती है।
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