Bengaluru News: गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने बेंगलुरु से 30 वर्षीय शमा परवीन को गिरफ्तार किया है, जिस पर आतंकवादी संगठन अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) से संबंध होने का आरोप लगा है। यह गिरफ्तारी गुजरात ATS की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। शमा परवीन पर सोशल मीडिया के जरिए जिहादी विचारधारा को बढ़ावा देने और कट्टरपंथी सामग्री साझा करने का आरोप लगाया है।
गिरफ्तारी का विवरण
गुजरात ATS ने 22 जुलाई को अल-कायदा से जुड़े चार आतंकवादियों को नोएडा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात से गिरफ्तार किया था। इन आतंकवादियों से पूछताछ के दौरान शमा परवीन के नाम का खुलासा हुआ, जिसके बाद ATS ने बेंगलुरु के हेब्बल इलाके में मन्नोरायनपाल्या स्थित एक किराए के मकान से उसे हिरासत में लिया। शमा मूल रूप से झारखंड की रहने वाली है और पिछले तीन साल से अपने छोटे भाई, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, के साथ बेंगलुरु में रह रही थी। पड़ोसियों के अनुसार, वह एक सामान्य नागरिक की तरह जीवन जी रही थी और नियमित रूप से पांच वक्त की नमाज पढ़ती थी, जिसके चलते किसी को उसकी गतिविधियों पर संदेह नहीं हुआ।
आरोप और जांच
गुजरात ATS के डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि शमा परवीन का संबंध अल-कायदा के आतंकी मॉड्यूल से था। वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खासकर इंस्टाग्राम, पर भड़काऊ और कट्टरपंथी वीडियो अपलोड करती थी और लोगों से इसका समर्थन करने की अपील करती थी। जांच में यह भी सामने आया कि शमा उन लोगों के संपर्क में थी, जिन्हें हाल ही में ATS ने अन्य राज्यों से गिरफ्तार किया था। उसके डिजिटल उपकरणों, जैसे मोबाइल फोन और लैपटॉप, से महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं, जिनमें पाकिस्तानी संपर्कों के साथ संचार के प्रमाण भी शामिल हैं।
गृह मंत्री का बयान
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने इस गिरफ्तारी को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि शमा परवीन कट्टरपंथी विचारधारा वाली महिला है और उसके पाकिस्तानी संपर्कों का खुलासा उसके डिवाइस से मिले डेटा के आधार पर हुआ है। ATS ने शमा को बेंगलुरु की स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां से उसे ट्रांजिट वारंट पर गुजरात ले जाया गया।
आगे की कार्रवाई
गुजरात ATS ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तृत जानकारी साझा करने की घोषणा कि। जांच में शमा की भूमिका और अल-कायदा के नेटवर्क को मजबूत करने में उसकी संलिप्तता की गहन जाँच पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने उसके पास से जब्त डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है ताकि आतंकी मॉड्यूल के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके।

