Bengaluru News: पुरानी बाइकों को जिंदा रखने की कहानी, दिल्ली में बैन, बेंगलुरु में रफ्तार कायम

Bengaluru News: देश की राजधानी दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर सख्ती बढ़ती जा रही है, वहीं बेंगलुरु ने पुरानी बाइकों को न केवल सड़कों पर जिंदा रखा है, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी दिया जा रहा है। दिल्ली में 10 साल से अधिक पुरानी डीजल और 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर प्रतिबंध के चलते कई बाइक प्रेमी अपनी प्यारी सवारी को खो रहे हैं, लेकिन बेंगलुरु ने इस मामले में एक अनोखा रास्ता अपनाया है।

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पुरानी गाड़ियों पर सख्त नियम लागू किए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के 2014 के आदेश और सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले के अनुसार, 15 साल से पुरानी गाड़ियां सड़कों पर नहीं चल सकतीं और न ही सार्वजनिक स्थानों पर पार्क की जा सकती हैं। इस नियम के तहत पुलिस को ऐसी गाड़ियों को जब्त करने का अधिकार है। दिल्ली सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में इस बैन को गैर-व्यावहारिक बताते हुए चुनौती दी है, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली नज़र नहीं आ रही है।

वही दूसरी तरफ़, बेंगलुरु में पुरानी बाइकों का जुनून एक अलग ही रंग दिखा रहा है। इस शहर में बाइक प्रेमी और मैकेनिक्स ने पुरानी बाइकों को नया जीवन देने का अनोखा तरीका ढूंढा है। पुरानी ‘राजदूत’, ‘येज्दी’, और ‘जावा’ जैसी बाइकों को रिस्टोर करने के लिए विशेष गैरेज और वर्कशॉप्स की बाढ़ आ गई है। ये वर्कशॉप्स न केवल बाइकों की मरम्मत करते हैं, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीक के साथ अपग्रेड भी करते हैं, ताकि वे प्रदूषण मानकों पर खरा उतर सकें।

बेंगलुरु के बाइक प्रेमी फूल झा की कहानी इसका जीता-जागता उदाहरण है। उनकी 50 साल पुरानी ‘राजदूत’ बाइक, जिसे उन्होंने ‘पहाड़ी नागिन’ नाम दिया, आज भी सड़कों पर दौड़ती है। फूल झा ने बताया कि यह बाइक उनके परिवार की पहली सवारी थी, जिसे उन्होंने बेटे के साथ मिलकर रंग-रोगन और मरम्मत कर फिर से चालू किया। यह बाइक न केवल 50 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है, बल्कि इसका दमदार एग्जास्ट साउंड आज भी लोगों को आकर्षित करता है।

बेंगलुरु में बाइक क्लब और कम्युनिटी इवेंट्स भी पुरानी बाइकों को सहेजने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये क्लब रेट्रो बाइक रैलियों का आयोजन करते हैं, जहां लोग अपनी पुरानी बाइकों को प्रदर्शित करते हैं। साथ ही, स्थानीय प्रशासन ने भी पुरानी गाड़ियों के लिए कुछ छूट दी है, बशर्ते वे प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन करें।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में पुरानी गाड़ियां वायु प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत हैं, जो PM2.5 के 28% और सल्फर डाइऑक्साइड के 41% उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन बेंगलुरु ने दिखाया है कि सही रखरखाव और तकनीकी उन्नयन के साथ पुरानी बाइकों को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकता है।

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