Ayodhya Deepotsav 2023: अयोध्या भगवान श्रीराम की प्रिय नगरी है। इस दिपावली पर एक नया रिकार्ड बनाया गया है। 22 लाख से ज्यादा दीप जला कर सरकार की और से संदेश देने की कोशिश की गई है। आयोध्या दुनिया की सबसे सुंदर नगरी के रूप में विकसित करने के लिए डबल इंजन की सरकार पूरी तरह संकल्पबद्ध है। अयोध्या में आज जितने पर्यटक आ रहे हैं, उससे 10 गुना ज्यादा पर्यटक आगामी मकर संक्रांति और 22 जनवरी 2024 को भव्य राममंदिर के उद्घाटन के बाद यहां आएंगे। इसलिए अयोध्यावासी अभी से अतिथि देवो भवरू के संकल्प के साथ जुड़ जाएं। अयोध्यावासी उस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दें।
आज उक्त बातें दीपोत्सव के अवसर पर रामकथा पार्क में प्रभु श्रीराम, माता जानकी और लक्ष्मण जी के वंदन अभिनंदन एवं प्रतीकात्मक राज्याभिषेक कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्होंने कहा कि 2017 में जब दीपोत्सव का कार्यक्रम यहां प्रारंभ हुआ था तक अयोध्यावासियों में उत्साह के साथ तमन्ना भी दिखती थी। एक नारा गूंजता था कि योगी जी एक काम करो, मंदिर का निर्माण करो। आज 500 वर्षों के बलिदानों, आंदोलनों, अभियानों के उपरांत प्रभु श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। अब अयोध्यावासियों की जिम्मेदारी बनती है कि जब 22 जनवरी को जब पीएम मोदी भगवान श्रीराम को उनके भव्य मंदिर में विराजमान करने के लिए आएं, तब अयोध्या में उनका स्वागत भी ऐतिहासिक होना चाहिए।
नई अयोध्या को बनते हुए देख रहे हैं हम
सीएम योगी ने दीपावली की सभी को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हम यहां दीपोत्सव के साक्षी बन रहे हैं। यह दीपोत्सव दुनिया के 100 से अधिक देशों में लाइव हो रहा है। दुनिया देख रही है कि कैसे भगवान श्रीराम हजारों साल पहले पुष्पक विमान से अयोध्या आए होंगे और कैसे देवताओं ने आकाश से पुष्पवर्षा की होगी। हमने सात साल पहले इस कार्यक्रम को जब शुरू किया तो असमंजस की स्थिति थी। उस वक्त पूज्य संतों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यहां जिस कार्यक्रम को शुरू किया गया, वो आज प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर रहा है। हम सब नई अयोध्या को बनते हुए देख रहे हैं। अयोध्या में इस वक्त 30 हजार 500 करोड़ से विकास की 178 परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है। अगर निजी क्षेत्र की भी भागीदारी जोड़ लें तो आने वाले वक्त में यहां 50 हजार करोड़ की परियोजनाएं मूर्त रूप लेती दिखेंगी। इससे लाखों की संख्या में रोजगार का सृजन होगा।