Noida Udyog Marg to Model Road: उत्तर प्रदेश में नोएडा प्राधिकरण एक ऐसा प्राधिकरण है जो सेल्फ फंडिंग करता है और यहाँ के विकास कार्यों में भी जमीन बेचकर, ट्रांसफर चार्ज लेकर तथा अन्य मदों में पैसा लेकर आय की जाती है। किसी आई को प्राधिकरण सड़क बनाने में सीवर बनाने में गंगा जल उपलब्ध कराने में तथा अन्य कार्यों में खर्च करता है। इस बार प्राधिकरण की ओर से उद्योग मार्ग यानी गोल चक्कर से लेकर सेक्टर 11 टी प्वाइंट तक 40 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस मार्ग को मॉडल सड़क के रूप में विकसित किया जा रहा है। हालांकि जनमानस में अब सवाल उठने लगे हैं जो सड़क पहले से ही अच्छी बनी है और लगभग पूरी तरह व्यवस्थित है, उस पर इतनी बड़ी धनराशि कैसे खर्च की जा सकती है? जब से प्राधिकरण की ओर से इसे मॉडल सड़क बनाने के लिए टेंडर निकाला गया है तब से ये मामला विवादों से घिरा है। कहा जा रहा है कि प्राधिकरण इस सड़क की बजाय हरौला मार्ग को मॉडल सड़क के रूप में विकसित करेगा तब भी इतनी बड़ी धनराशि खर्च नहीं हो पाएगी। जबकि उद्योग मार्ग से बहुत ज्यादा अव्यवस्थित है। ऐसे में प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
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मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम अपनी कार्यशैली और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। जब से उन्होंने प्राधिकरण का चार्ज सम्भाला तब से फ़िज़ूलखर्ची और प्राधिकरण में हो रहे बदरबांट पर अंकुश लगाया है। इतना ही नहीं उन्होंने प्राधिकरण के अलग अलग स्थानों पर चल रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता भी चेक कराई। एक्सप्रेस वे सेक्टर 96 में बन रहे प्राधिकरण दफ्तर को भी उन्होंने अलग अलग एजेंसियों से चेक कराया। ताकि जो भी उसमें खामियां हैं वो सामने आ सके स्ट्रक्चरल ऑडिट में पता चला था कि इस बिल्डिंग के कई पिलर कमजोर है जिस पर लोकेश एम कार्रवाई करते हुए ठेकेदार कंपनी पर जुर्माना लगाया और उसे तत्काल प्रभाव से नियमानुसार कराया गया। इतना ही नहीं लोकेश एम नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में हो रहे सिविल वर्क को खुद जांचने के लिए मौके पर कभी भी चले जाते हैं। इस सबके बावजूद चार पांच किलोमीटर लंबे चमचमाते मार्ग पर 40 करोड रुपये़ खर्च प्राधिकरण का वर्क सर्किल कैसे करेगा ये तो वही बता सकता है।
जागरूक लोग बता रहे इस टेंडर को भ्रष्टाचार की सोंची समझी साजिश
चार पांच किलोमीटर लंबे औद्योगिक मार्ग को मॉडल सड़क के रूप में विकसित करने पर 40 करोड़ खर्च किए जाने की घोषणा होते ही प्राधिकरण अफसरों की कार्यशैली पर जागरूक लोग सवाल उठाने लगे। नोएडा एंटरप्रिनियोर्स असोसिएशन के उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी मोहम्मद इरशाद का कहना है कि इस मार्ग पर बड़ी बड़ी फैक्ट्रियां और शोरूम है जिसके चलते यहाँ पहले से ही सड़क अच्छी बनी हुई है। यदि यहां शोरूम के बाहर खड़े वाहनों को हटाया जाए तो उससे ही ये सड़क माॅडल बन जाएगी। केवल सड़कों सजाने में 40 करोड़ खर्च किए जाना जनता के पैसे की बर्बादी है। इस पैसे को प्राधिकरण अलग अलग लगा सकता है जहाँ वाकई नोएडावसी दिक्कत में है और सड़क टूटी फूटी हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे टेंडर में एक बड़े भ्रष्टाचार होने की बूं आ रही है। फिलहाल वो अपने हर प्लेटफॉर्म से इस टेंडर को लेकर विरोध करते हैं उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि नोएडा को चमकाने का मैं विरोधी बल्कि चाहता हू कि जहाँ जरूरत है वहाँ प्राधिकरण इस धन को खर्च करें। उन्होंने आगे कहा कि माॅडल सड़क बनानी है तो हरोला मार्ग को अतिक्रमण हटाकर बनाया जाए। ताकि लोग प्राधिकरण के काम की सराहना करें।
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