ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में हुई नियुक्ति को लेकर हो रही जांच में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो चैक कर रख देंगे। नियुक्तियों में भाई भतीजावाद और रिश्तेदारी पूरी तरह निभाई गई है, यदि सही तरीके से जांच होती है तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण खाली हो जाएगा। क्योंकि जिस आधार पर नियुक्तियां हुई हैं वह ज्यादातर खोखले हैं। नियुक्तियों में क्या क्वालिफिकेशन होनी चाहिए थी और क्या उसको किया गया। इसके अलावा जो नेताओं के रिश्तेदार और सगे संबंधी बाबू बनकर बैठे हैं। वे सभी कितना काम जानते हैं इसका भी आकलन किया जा रहा है। एसीईओ की जांच में सामने आया है कि किसी नेता ने अपने भाई तो किसी ने अपने साले तो किसी ने अपने भतीजे को ग्रेनो प्राधिकरण में नियुक्त कराया। अब वे सभी बाबू परेशान हैं जो सिफारिश के दम पर प्राधिकरण में पहुंचे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नियुक्तियों में ज्यादातर एक ही समाज के लोग भर्ती किए गए।