स्पेक्ट्रम मेट्रो पर ताला लगवाने के लिए हाई कोर्ट पहुंचा प्राधिकरण

AIMS Max Gardenia: अलग अलग बिल्डरों से बकाया वसूली के लिए प्राधिकरण हर संभव कोशिश कर रहा है। नोएडा प्राधिकरण का करीब 2000 करोड़ रुपए बिल्डरों पर बकाया है। इसी क्रम में प्राधिकरण ने बकाया वसूली के लिए सेक्टर 75 एम्स मैक्स गार्डेनिया पर सीलिंग की गई तो प्राधिकरण की कार्रवाई को कमर्शियल कोर्ट में गलत बताते हुए रोक लगा दी। मगर अब एम्स मैक्स गार्डेनिया पर ताला लगवाने के लिए प्राधिकरण ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा है। बिल्डर की कमर्शियल संपत्ति के तौर पर स्पेक्ट्रम मेट्रो की बिना बिकी संपत्ति सीलिंग और अटैच करने का फैसला प्राधिकरण ने लिया है। संपत्ति का आवंटन भी निरस्त हो चुका है। इसी फैसले के खिलाफ बिल्डर ने जिला वाणिज्यिक कोर्ट से स्टे ले लिया है। स्टे को हटवाने के लिए प्राधिकरण हाईकोर्ट जाएगा।

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प्राधिकरण के अफसरों ने बनाई ये राय
प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि बिल्डर की सेक्टर-75 और 46 की संपत्तियों की सीलिंग और अटैच करने के लिए सर्वे किया जा रहा है। इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि उन स्थानों पर बिना बिकी हुई संपत्ति कितनी है। इस आधार पर यह पता किया जा रहा है कि इस संपत्ति को सील या अटैच करने के बाद बेचने से कितना बकाया वापस हो पाएगा। बता दें कि बिल्डर पर प्राधिकरण का 1700 करोड़ का बकाया है। वहीं, बिल्डर की ओर से कहा जा रहा है कि छूट घटाने के बाद 600-700 करोड़ से अधिक बकाया नहीं है। अब इस मामले में जैसे ही प्राधिकरण ने धावा बोला, बिल्डर कोर्ट से स्टे ले आया। अब प्राधिकरण इसका जवाब देने की तैयारी कर रहा है। इसी कड़ी में हाईकोर्ट से स्टे हटवाने के लिए प्राधिकरण की लीगल टीम मंथन कर रही है। मंथन के बाद एकराय होने पर टीम कोर्ट का रुख करेगी।

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