Attention: अमरोहा में दम घुटने से परिवार में पांच लोगों की मौत,  बंद कमरे में न जलाएं अंगीठी
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Attention: अमरोहा में दम घुटने से परिवार में पांच लोगों की मौत,  बंद कमरे में न जलाएं अंगीठी

Attention: अमरोहा। हाड़कंपाती ठंड में आग या हीटर से हाथ तापना बहुत अच्छा लगता है. यही नहीं रात भर यह गर्मी मिलती रहे, इसके लिये लोग अंगीठी, ब्लोअर या हीटर को जलाकर रखते हैं. रात भर गर्मी पाने की यही आदत सेहत के लिये नुकसानदेह या जानलेवा हो जाती है. सर्दी में सेहत भी सही रहे और जान भी सुरक्षित रहे, इसके लिये जरूरी है कि कुछ बातों का ध्यान रखा जाये। ऐसे ही हर वर्ष कई दर्दनाक घटना सामने आती हैं।
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आप को बतादें कि उत्तर प्रदेश में अमरोहा जिले के गांव अल्लीपुर निवासी भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ ट्रक चालक रईसुद्दीन के घर में दिनभर पांच लाशें और दो लोग बेसुध पड़े रहे और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। रईसुद्दीन ने घर के नंबर पर फोन किया तो किसी ने रिसीव नहीं किया।
लिहाजा उन्होंने अपने छोटे भाई गबरू को फोन करके पत्नी हुस्न जहां से बात करने के लिए कहा। करीब पांच बजे जैसे ही गबरू घर पहुंचा तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला। तभी आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। गबरू समेत कुछ लोग छत से सहारे घर में दाखिल हुए। इस दौरान देखा सभी लोग अचेत अवस्था में पड़े हुए थे। तब घटना की जानकारी हुई।
थाना इलाके के गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ निवासी रईसुद्दीन चार दिन पहले ही ट्रक चलाने काशीपुर गया था। घर में उसकी पत्नी हुस्नजहां, उसकी की बेटी सोनम, बड़ा बेटा जैद, छोटा बेटा माहिर और सिहाली जागीर का रहने वाला साला रियासत, उसकी बेटी महक और धनौरा निवासी साढू़ की बेटी कशिश एक ही कमरे में सोए हुए थे।
सर्दी से बचने के लिए उन्होंने कमरे में तसले में कोयला जला लिया था। सभी की सोते-सोते ही दम घुटने से मौत हो गई। जबकि रईसुद्दीन की पत्नी हुस्नजहां और साला रियासत की हालत गंभीर बनी हुई है। मंगलवार की शाम घटना की जानकारी मिलते ही डीएम राजेश कुमार त्यागी और एसपी कुंवर अनुपम सिंह मौके पर पहुंच गए।

बंद कमरे में कोयला जलाना खतरनाक होता है। उत्पन्न कार्बन मोनोक्साइड गैस से कमरे में सो रहे व्यक्तियों की मृत्यु भी हो सकती है। खतरनाक प्रदूषक होते हैं जो दमा जैसे श्वास रोग उत्पन्न करते हैं।
कोयले का अपूर्ण दहन कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी कई विषाक्त गैसों को पर्यावरण में उत्सर्जित करता है। यह कार्बन मोनोऑक्साइड गैस स्वास्थ्य के लिए घातक है, जिससे कोमा में जा सकते हैं और यहां तक कि उस कमरे में सो रहे व्यक्तियों की मृत्यु भी हो सकती है।

दाल चावल खाकर सोए थे परिवार के लोग
गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ पर ट्रक चालक का परिवार और उसके रिश्तेदार सोमवार की शाम को घर पर दाल चावल खाकर सोए थे। मंगलवार शाम को पांच लोगों के मरने की जानकारी मिलने के बाद पहुंची फॉरेंसिक टीम ने दाल चावल के नमूने लिए हैं। Do not light the fireplace in a closed room.

तीन चारपाई पर सो रहे थे सात लोग
गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ पर ट्रक चालक रईसुद्दीन के घर पर उनका साला रियासत और अन्य रिश्तेदार भी आए हुए थे। बताते हैं कि सर्दी से बचने के लिए सातों लोग तीन चार पाई पर सोए हुए थे। मंगलवार शाम को जब कमरा खोल कर देखा गया तो तीन चार पाई पड़ी हुई थी।

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पड़ोसी भी रहे अनजान
थानाक्षेत्र के अल्लीपुर भूड़ गांव में तीन सगे भाई-बहन समेत पांच बच्चों की मौत हो गई। जबकि ट्रक चालक रईसुद्दीन की पत्नी और साले की हालत गंभीर है। ये घटना सोमवार की रात की है। पूरा परिवार मंगलवार को दिनभर कमरे में पड़ा रहा। इसकी भनक पड़ोसियों को भी नहीं लगी। किसी ने घर पहुंच कर हकीकत जानने की कोशिश नहीं की। दिनभर परिवार के लोग घर से बाहर नहीं निकले।

सावधानी है जरूरी
सिविल अस्पताल लखनऊ के मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनिल कुमार बताते हैं कि ठंड में रातभर बंद कमरे में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाकर रखना नुकसान पहुंचा सकता है. वह बताते हैं कि खासतौर से अंगीठी जलाकर बंद कमरे में नहीं सोना चाहिए. सर्दियों के मौसम में ऐसी खबरें आती रहती हैं कि बंद कमरे में अंगीठी जलाकर या आग जलाकर सोने वाले लोग मृत पाये गये. इन परिस्थितियों से बचना है तो यह ध्यान रखना चाहिए कि आग जलाने के साथ ही कमरे में कमरे हवा का आना-जाना बना (वेंटीलेशन) रहे.

बंद कमरे में आग जलने से कम हो जाती है ऑक्सीजन
रात भर कमरे में अंगीठी या ब्लोअर जलाने से ऑक्सीजन और नमी की कमी हो जाती है. इससे कमरे में सो रहे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. अंगीठी जलने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है. इससे सांस फूलने और फिर दम घुट सकता है. इसीलिये कमरे में हवा आने-जाने का रास्ता जरूर रहना चाहिये. do not light the fireplace

बंद कमरे में हवा आने-जाने का रास्ता हो
डॉ. अनिल कुमार के अनुसार यदि बंद कमरे में सांस लेने में दिक्कत हो रही है और असहज महसूस हो रहा है तो हो सकता है यह ऑक्सीजन की कमी के कारण हो. इसलिये कमरे का दरवाजा या खिड़की खोल देना चाहिये. इससे कमरे में शुद्ध हवा आएगी और कमरे में ऑक्सीजन का स्तर ठीक हो जाएगा. रात को सो जाने के कारण इन परिस्थितियों का पता नहीं चलता है. इसलिये पहले से ही ताजी हवा आने का रास्ता खोलकर रखना चाहिये.

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