एटीएम से रुपये निकलवाने के लिए मदद मांगना पकड़ सकता है मंहगा, Noida Police ने किया इस गिरोह का खुलासा

Noida Police। असगरपुर टी प्वाइंट के पास से सेक्टर-126 पुलिस ने एटीएम बूथ में मदद के नाम पर डेबिट कार्ड बदलकर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के दो बदमाशों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से 39 डेबिट कार्ड, धोखाधड़ी कर निकाले गए 53 हजार रुपये, दो तमंचे, दो कारतूस और बाइक बरामद हुई। पुलिस आरोपियों के तीसरे साथी की तलाश कर रही है।
डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने पत्रकार वार्ता में  बताया कि सेक्टर-128 स्थित गांव असगरपुर निवासी व्यक्ति ने 19 सितंबर की शाम मुकदमा दर्ज कराया था कि वह गांव सुल्तानपुर स्थित एटीएम से रुपये निकालने गया था। इसी दौरान अज्ञात व्यक्ति ने उसे मदद के नाम पर डेबिट कार्ड लिया और उसे बदल दिया। बाद में खाते से एक लाख 41 हजार रुपये निकाल लिए। इसके बाद से पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी।

यह भी पढ़े : गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मनाया गया बाल दिवस, बच्चों ने की मस्ती

39 डेबिट कार्ड, 53 हजार रुपये और अवैध हथियार आरोपियों से बरामद
एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान दो आरोपियों को पुश्ता रोड असगरपुर टी प्वाइंट से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान जिला आगरा के गांव गुज्जा बसौनी निवासी अंकुर ठाकुर और दनकौर थाना क्षेत्र के गांव चचूला निवासी देवेंद्र नागर के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अपने तीसरे साथी सोनू के साथ मिलकर एटीएम कार्ड बदलकर लोगों के खाते से रुपये निकालते थे। वहे अक्सर ऐसे एटीएम के आसपास रहते थे, जहां पर रुपये निकालने के लिए अशिक्षित या कम पढ़े लिखे लोग अधिक संख्या में आते। जो भी इस प्रकार का व्यक्ति एटीएम में रुपये निकालने के लिए अंदर घुसता है तो आरोपियों में से एक साथी एटीएम के अंदर जाकर उसके पीछे खड़ा हो जाता। उसके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे एटीएम कार्ड के पिन को देख लेता। जब वह व्यक्ति किसी भी कारण से अपने रुपये निकालने में असमर्थ होता तो वे उसे मदद की पेशकश करके रुपये निकालने का झूठा प्रयास करते। इसके बाद अपने पास मौजूद कार्डों में से उसी बैंक व उसी प्रकार के डेबिट कार्ड को उस व्यक्ति को दे देते। साथ ही कहते कि तुम्हारा कार्ड काम नहीं कर रहा। उसके कार्ड को बदलकर अपने पास रख लेते। जैसे ही वह व्यक्ति चला जाता है तो उसी एटीएम या आसपास के अन्य एटीएम से रुपये निकाल लेते। जब उस व्यक्ति को पता चलता है तो वह अपने कार्ड को ब्लॉक करा देता। उसके एटीएम कार्ड को पुन: इसी प्रकार के अपराध में इस्तेमाल करते।
अधिक संख्या में रुपये निकालने के लिए आरोपी पीओएस यानि कार्ड स्वैप करने की मशीन भी रखते थे। यह मशीन तीसरे साथी सोनू के पास रहती। अपराध के समय डराने या फायर करने के लिए तमंचे भी रखते थे। 19 सितंबर को शाम आरोपियों ने पीड़ित के कार्ड से दो बार में एक लाख 41 हजार रुपये निकाले थे। तीनों ने ये रुपये आपस में बांट लिए थे।

यहां से शेयर करें