एशिया कप ट्रॉफी विवाद अभी भी जारी: मोहसिन नकवी अड़े, श्रीलंका और अफगानिस्तान ने दिया भारत का साथ

Asia Cup Trophy Controversy News: एशिया कप 2025 के ट्रॉफी विवाद ने क्रिकेट जगत में नया तनाव पैदा कर दिया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को इस मुद्दे पर श्रीलंका और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का समर्थन मिला है, लेकिन एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रमुख मोहसिन नकवी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। नकवी ने ट्रॉफी भारत को सौंपने से साफ इनकार कर दिया है।

विवाद की जड़
एशिया कप की ट्रॉफी इस समय दुबई स्थित एसीसी मुख्यालय में रखी हुई है। बीसीसीआई का कहना है कि भारतीय टीम ने टूर्नामेंट जीता है, इसलिए ट्रॉफी भारत को दी जानी चाहिए। हालांकि, नकवी ने शर्त रखी है कि बीसीसीआई का कोई प्रतिनिधि दुबई आकर ट्रॉफी ले जाए। बीसीसीआई ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए इसे अनुचित बताया है। सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआई अब इस मुद्दे को अगले महीने होने वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में उठाने की तैयारी कर रहा है।

श्रीलंका और अफगानिस्तान का समर्थन
पिछले हफ्ते, बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया, एसीसी में भारत के प्रतिनिधि राजीव शुक्ला, और श्रीलंका व अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों ने नकवी को एक पत्र लिखकर ट्रॉफी भारत को सौंपने की मांग की थी। लेकिन नकवी ने जवाब में दोहराया कि बीसीसीआई को ट्रॉफी लेने के लिए दुबई आना होगा। श्रीलंका और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस मुद्दे पर भारत का खुलकर समर्थन किया है, जिससे नकवी एसीसी में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं।

टूर्नामेंट में तनाव
एशिया कप 2025 के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव साफ दिखाई दिया। दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने पूरे टूर्नामेंट में एक-दूसरे से हाथ मिलाने से परहेज किया। टूर्नामेंट के तीन सप्ताह तक हर रविवार को भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने हुईं, जिसने इस विवाद को और हवा दी। नकवी, जो पीसीबी अध्यक्ष होने के साथ-साथ पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, ने ट्रॉफी समारोह के बाद इसे अपने साथ ले जाने का फैसला किया, जिसे बीसीसीआई ने अस्वीकार कर दिया।

आगे क्या?
बीसीसीआई का कहना है कि ट्रॉफी का हस्तांतरण औपचारिक रूप से होना चाहिए और इसे भारत भेजा जाना चाहिए। नकवी की शर्त को बीसीसीआई ने अपमानजनक माना है। अब सभी की नजरें आईसीसी की आगामी बैठक पर टिकी हैं, जहां इस मुद्दे पर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।

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