घटना के अनुसार, प्रमोद महतो अपने बेटे प्रियांशु के साथ गुरुवार शाम को बड़े बेटे की सगाई की तैयारियों के लिए बाजार सामान खरीदने निकले थे। सगाई का कार्यक्रम शुक्रवार को होना था, लेकिन देर रात तक दोनों घर नहीं लौटे। परिजनों ने कई बार संपर्क करने की कोशिश की, मगर फोन बंद आता रहा।
शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने बेलघाट गांव के पास सड़क किनारे दोनों के शव पड़े देखे, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
शवों की जांच में साफ पता चला कि हत्या देर रात ही की गई थी। प्रमोद महतो के सिर और सीने में दो गोलियां लगीं, जबकि प्रियांशु के सिर और अन्य हिस्सों में कई गोलियां मारी गईं। दोनों के शव सड़क किनारे फेंके मिले। घटनास्थल से पुलिस ने एक खाली कारतूस, मृतकों की बाइक और एक बुलेट (गोली) बरामद की है। प्राथमिक जांच में हत्या का मुख्य कारण प्रियांशु का कथित अफेयर बताया जा रहा है। परिजनों के मुताबिक, प्रियांशु कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था और उसका किसी लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसे लेकर परिवार को धमकियां मिल रही थीं। हालांकि, पुलिस अभी इसकी पुष्टि कर रही है।
घटना की सूचना मिलते ही पियनिया गांव में शोक की लहर दौड़ गई। सगाई की तैयारियां जोरों पर थीं, लेकिन अब पूरा परिवार मातम में डूबा है। प्रमोद महतो को गांव में ईमानदार और मेहनती व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। उनकी मृत्यु से परिवार के अन्य सदस्यों का बुरा हाल है। बड़े बेटे की सगाई रद्द हो गई और घर में कोहराम मच गया।
सड़क जाम और आक्रोश
शव मिलने की खबर फैलते ही ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। परिजनों और ग्रामीणों ने शवों को सड़क पर रखकर आरा-सासाराम मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। टायर जलाए गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रदर्शन करीब दो घंटे चला, जिसमें लोगों ने हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी और परिवार को सुरक्षा की मांग की। बाद में एसडीएम और थानाध्यक्ष के आश्वासन पर जाम हटाया गया।
पुलिस जांच तेज
मुफस्सिल थाना पुलिस ने दोनों शवों को सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। एसपी भोजपुर मनीष कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। प्रियांशु के मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है। परिजनों के बयान पर अज्ञात हत्यारों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस का मानना है कि यह पुरानी रंजिश या प्रेम प्रसंग से जुड़ा मामला हो सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच यह घटना कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है, क्योंकि हाल ही में मोकामा में जनसुराज नेता दुलारचंद यादव की हत्या का मामला भी ठंडा नहीं हुआ था।
परिजनों ने बताया कि प्रमोद महतो का परिवार आर्थिक रूप से सक्षम था और कोई दुश्मनी नहीं थी। फिर भी, इस क्रूर हत्याकांड ने पूरे आरा जिले को झकझोर दिया है। पुलिस ने हत्यारों को जल्द पकड़ने का भरोसा दिलाया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से डर का माहौल बन गया है।

