बच्चे के संपूर्ण मानसिक विकास में पौष्टिक भोजन के साथ,माता-पिता के व्यवहार की  अहम भूमिका: डॉ अर्चना शर्मा
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बच्चे के संपूर्ण मानसिक विकास में पौष्टिक भोजन के साथ,माता-पिता के व्यवहार की  अहम भूमिका: डॉ अर्चना शर्मा

आईएमए भवन में आयोजित कार्यक्रम में डॉक्टर्स की माताओं को सप्रेम भेंट देकर किया गया सम्मानित  

Ghaziabad news : राजधानी दिल्ली से सटे हॉट सिटी में शुमार शहर गाजियाबाद के राजनगर स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए)भवन में  आॅब्स्टेट्रिक एंड गायनिको लॉजिकल सोसाइटी के तत्वाधान में धूम धाम से मदर्स-डे मनाया गया।और मां के प्रति बच्चो ने अपना स्नेह,प्यार,दुलार प्रदर्शित कर और मंच पर सम्मान देकर  अपना महत्वपूर्ण फर्ज निभाया। वैसे तो  मां (जननी) का कर्ज (अहसान) चुकाया नही जा सकता,लेकिन फिर भी इस दौरान कार्यक्रम के माध्यम से स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर्स की माताओं को सप्रेम भेंट,उपहार देकर सम्मानित किया गया। वही सभी माताओं ने अपने डॉक्टर्स बच्चो के साथ खूब डांस भी किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची प्रो. डॉ. मंजू पूरी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। और आॅब्स्टेट्रिक एंड गायनिको लॉजिकल सोसाइटी की अध्यक्ष डॉक्टर अर्चना शर्मा ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।सभी वक्ताओं ने कार्यक्रम में अपने-अपने विचार रखे। और समाज को जागरूकता भरा संदेश जारी किया ।उन्होंने कहा कि माता-पिता बनना सबसे खूबसूरत एहसास है,लेकिन माता-पिता बनना इतना आसान भी नहीं है। यह जीवन का एक ऐसा चरण है, जहां प्रतिबद्धता और आनंद साथ-साथ चलते हैं। बच्चे के संपूर्ण मानसिक विकास में पौष्टिक भोजन के साथ उनके माता-पिता के व्यवहार की भी अहम भूमिका होती है। प्रत्येक भोजन का 75 फीसदी तक बच्चे के मस्तिष्क के निर्माण में खर्च होता है। यही नहीं बच्चे के मस्तिष्क का 80 फीसदी से अधिक हिस्सा तीन साल की उम्र तक और 90फीसदी हिस्सा छह साल की उम्र से पहले विकसित हो जाता है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि नवजात बच्चे को पौष्टिक आहार अनिवार्य रूप से दिया जाए। इसके अलावा बच्चे को दिया जाने वाला हर आलिंगन और हर चुंबन के साथ आपके द्वारा उसके साथ खेले जाने वाले खेल बच्चे के मस्तिष्क निर्माण में मदद करते हैं। वहीं बताया गया कि गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं को नई या पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए दवाइयाँ लेनी पड़ सकती हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था में विटामिन लेने का सुझाव दिया जाता है। कोई भी दवाई (बिना पर्चे वाली दवाइयों सहित) या डाइटरी सप्लीमेंट (औषधीय जड़ी बूटियों सहित) लेने से पहले, गर्भवती महिला को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। जो महिलाएं अभी दवाइयाँ ले रही हैं और गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, अगर संभव हो, तो उन्हें गर्भवती होने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। गर्भवती महिला द्वारा ली गई दवाइयाँ या अन्य पदार्थ गर्भनाल में से होकर उसी मार्ग से भ्रूण तक पहुंच सकते हैं, जिससे भ्रूण तक आक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचते हैं, जो भ्रूण की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक होते हैं। हालांकि, गर्भनाल को पार नहीं कर सकने वाली दवाइयाँ भी गर्भाशय या गर्भनाल को प्रभावित करके भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकती हैं। कार्यक्रम के दौरान  गायनिको की विभिन्न जांच की गई, इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद माताओें ने अपने बच्चों की उपलब्धियों पर खुशी जाहिर की।

-यह डॉक्टर्स रहे मौजूद 

इस दौरान उपाध्यक्ष मनीष जैन अग्रवाल, डॉक्टर विनीता मित्तल, डॉक्टर मीनाक्षी शर्मा, डॉक्टर अर्चना वर्मा, डॉक्टर मधु गुप्ता, डॉक्टर नीलू खनेजा,  डॉक्टर सरिता आनंद, डॉक्टर विनीता दिवाकर, डॉक्टर सीमा वार्ष्णेय, डॉक्टर रश्मि शर्मा,  डॉक्टर गुंजन गुलाटी आदि मौजूद रहे।

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