Allahabad High Court : अभियुक्त को शिकायतकर्ता के बयान की बिना जांच किए जारी सम्मन विधि विरुद्ध : हाईकोर्ट

Allahabad High Court :  प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कम्प्लेंट केस में धारा 202(1) के तहत बयान दर्ज कर बिना जांच किए मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र के बाहर रहने वाले अभियुक्त को अदालत सम्मन जारी नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा ऐसे अभियुक्त को सुनवाई का मौका देने के बाद ही सम्मन जारी किया जा सकता है।

Allahabad High Court :

कोर्ट ने एसीजेएम पीलीभीत द्वारा रामपुर निवासी दानिश खान के खिलाफ शिकायतकर्ता मोहम्मद यूसुफ जमाल ख़ान का बयान दर्ज कर सम्मन जारी करने के आदेश को विधि विरुद्ध करार देते हुए रद कर दी है और मजिस्ट्रेट को याची को सुनकर नये सिरे से नियमानुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता ने दानिश खान की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

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याची का कहना था कि उसकी बहन व विपक्षी बहनोई के बीच पारिवारिक विवाद को लेकर कई मुकद्दमे दर्ज किए गए। बाद में समझौता हो गया। याची गहने आदि लेने विपक्षी के घर गया। वहां तलाक को लेकर झगड़ा हुआ। याची के खिलाफ विपक्षी ने अपहरण की कोशिश व गाली-गलौज करने का आरोप लगाते हुए कम्प्लेंट केस दर्ज हुआ। मजिस्ट्रेट ने धारा 202 का बयान दर्ज कर याची को सम्मन जारी किया। जिसकी कानूनी वैधता को लेकर चुनौती दी गई थी।

याची का तर्क था कि यदि अभियुक्त मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र के बाहर रहता है तो 202(1) के बयान की जांच करना बाध्यकारी है। बिना जांच सम्मन जारी करना अवैध है। जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए जारी सम्मन रद्द कर दिया है।

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