Allahabad HC : अधिवक्ताओं को छद्म पैरोकारों से बचने की जरूरत : हाईकोर्ट
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Allahabad HC : अधिवक्ताओं को छद्म पैरोकारों से बचने की जरूरत : हाईकोर्ट

  • हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की टिप्पणी, जारी किए दिशा निर्देश
  • हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और एडवोकट्स एसोसिएशन से मांगे सुझाव

Allahabad HC : प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ही केस में पैरवी के लिए दो अधिवक्ताओं के सामने आने पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि अधिवक्ताओं को छद्म पैरोकारों से बचने की जरूरत है। कोर्ट ने ऐसे मामलों से निपटने के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और एड्वोकेट्स एसोसिएशन के सचिवों से केस की अगली सुनवाई की तिथि पर उपस्थित होकर सुझाव रखने को कहा है।

Allahabad HC :

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमसेरी ने बिजनौर के ब्रजपाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है। मौजूदा मामले में याची ने बिजनौर के नेहतौर थाने में दुष्कर्म सहित विभिन्न मामलों में दर्ज प्राथमिकी पर अर्जी दाखिल कर जमानत की मांग की है। जिस पर पहले अधिवक्ता अमित राय पक्ष रख रहे थे। बाद में अधिवक्ता सोनू मलिक ने याची के मित्र मनप्रीत की ओर से पैरवी करने के लिए हलफनामा दाखिल किया। लेकिन, अधिवक्ता अमित राय की ओर से अनापत्ति नहीं दी गई। यह तर्क दिया कि अधिवक्ता अमित राय की ओर से अनापत्ति नहीं दी जा रही है।

जबकि, अधिवक्ता अमित राय का कहना था कि याची के पिता ने कहा है कि याची की तरफ से वही पैरवी करेंगे। ऐसी स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने पहले से स्थापित व्यवस्थाओं के तहत दिशा निर्देश जारी किए और कहा कि ऐसी समस्याएं अधिवक्ताओं के समक्ष ही नहीं बल्कि पैरोकारों के बीच भी है।

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Allahabad High Court :

कोर्ट ने कहा कि याचिकाओं में पैरवी करने वाले और याची के बीच के सम्बंधों को उजागर करने के साथ साथ यह भी बताना होगा कि वह एक वर्ष की अवधि के भीतर अन्य मामलों में पैरोकारी की है या नहीं। अगर की है तो वह अन्य मामलों विवरण देगा। याची के जेल में बंद होने की दशा में जेलर या सम्बंधित याची द्वारा सत्यापित वकालतनामा दाखिल करना होगा। इसके साथ ही अगर पूर्व में कोई अधिवक्ता पक्ष रख रहा है तो उसकी ओर से अनापत्ति प्रमाणपत्र देना होगा।

कोर्ट ने जमानत अर्जी पर याची पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद निचली अदालत में लंबित मामले का पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तिथि तय कर दी है।

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Allahabad HC :

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