हादसे का दर्द और ठगों की बेशर्मी
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद मेघानी नगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गई। इस हादसे में 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई, जिसमें उदयपुर के वरदीचंद मेनारिया और उनके मित्र प्रकाशचंद मेनारिया भी शामिल थे। दोनों लंदन में शेफ के रूप में काम करते थे और छुट्टियां बिताने के बाद वापस लंदन लौट रहे थे।
वरदीचंद के परिवार पर यह दुख अभी ताजा ही था कि कुछ ठग उनके घर पहुंच गए। ये ठग बीमा राशि और मुआवजे के नाम पर परिवार से मोटी रकम ऐंठने की फिराक में थे। सूत्रों के अनुसार, ठगों ने परिवार को भ्रामक दस्तावेज दिखाकर यह दावा किया कि वे मुआवजे की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करवा सकते हैं। एयर इंडिया और टाटा समूह ने मृतकों के परिजनों के लिए 1.25 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा की थी, जिसका फायदा उठाना चाहते है।
परिवार का दर्द और सावधानी की अपील
वरदीचंद के परिवार ने बताया कि उनकी पत्नी टमु बाई और बेटों, लोकेश और रोशन मेनारिया, को पहले ही इस हादसे से गहरा सदमा पहुंचाया था। परिवार ने ठगों की इस हरकत को “दुख में नमक छिड़कने” जैसा बताया। स्थानीय पुलिस ने मामले की जानकारी मिलने पर जांच शुरू कर दी है और लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति या दस्तावेज पर भरोसा करने से पहले सतर्क रहें।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
उदयपुर पुलिस ने ठगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हुए लोगों से सावधानी बरतने को कहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “ऐसे समय में जब परिवार दुख से जूझ रहा हो, ठगों का इस तरह फायदा उठाना घृणित है। हम ऐसे लोगों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करेंगे।” साथ ही, एयर इंडिया ने भी हेल्पलाइन नंबर (1800-5691-444) और अहमदाबाद पुलिस ने इमरजेंसी नंबर (07925620359) जारी किया है, ताकि लोग मुआवजे या अन्य जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें।
निष्कर्ष
यह हादसा न केवल एक त्रासदी है, बल्कि समाज में छिपे उन असामाजिक तत्वों को भी उजागर करता है जो दुख की घड़ी में भी लोगों का शोषण करने से नहीं चूकते। वरदीचंद मेनारिया जैसे कई परिवारों के लिए यह समय पहले ही दर्दनाक है, और ठगों की इस तरह की हरकतें उनके जख्मों को और गहरा कर रही हैं। समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि पीड़ित परिवारों को कम से कम इस तरह की अतिरिक्त परेशानियों से बचाया जा सके।

