IT Act: आम लोगों की आवाज आज कल मुख्य धारा के चैनल नही बल्कि सोशल मीडिया बना हुआ है। लेकिन इस पर काबू पाने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। इस क्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आईटी नियमों में संशोधन पर केंद्र सरकार पर गभीर आरोप लगाएं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पहले टीवी नेटवर्क्स पर कब्जा किया, अब सोशल मीडिया प्लेटफॉमर्स पर भी कब्जा करने की कोशिश चल रही है।
सिब्बल ने कहा, उन्होंने पहले टीवी नेटवर्क पर कब्जा कर लिया और अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कब्जा करने के लिए चाल चली जा रही हैं। यह एक प्रकार से देश की मीडिया पर व्यापक कब्जा है। देखा जाए तो हम एक आचार संहिता, एक राजनीतिक दल, एक शासन प्रणाली और किसी के प्रति जवाबदेही न होने की तरफ बढ़ रहे हैं।
आईटी नियमों में संशोधन को लेकर उन्होंने कहा, सरकार के लिए सुरक्षित और दूसरों के लिए असुरक्षित, इस सरकार की हमेशा इस प्रकार की सोच रही है। वे इस पर ही अमल करते है। आम नागरिकों के लिए सोशल मीडिया ही एकमात्र प्लेटफाॅर्म बचा था। अब मानहानिकारक बयान देने पर लोगों पर मुकदमें चलाएं जाएंगे।
उन्होंने कहा, हमें सोशल मीडिया की ताकत को समझना होगा। किसी भी सरकार के पास इसकी ताकत का अंदाजा नहीं है और न ही वो ये जानती हैं कि इससे कितना संबंध रखा जाए। हालांकि, सरकार को इसका इस्तेमाल जनता को और ताकत देने में करना चाहिए, न कि कमजोर करने में।
पीआईबी फैक्ट चेक ने की सिब्बल के उस दावे को खारिज किया है जिसमें उन्होंने कहा कि आईटी के संशोधित नियमों के तहत मानहानिकारक बयान देने वालों के विरुद्ध मुकदमा चलाया जाएगा की बात कहीं है।