यूपी के नोएडा में चाहे लोग कितना भी खुद को हाईटेक बोले लेकिन रूढिवादी सोच आज भी हावी है। एक महिला ने बेटा पैदा न होने से परेशान होकर दो बेटियों को चैथी मंजिल से धक्का दे दिया। दरअसल मामला बरौला गांव का है। जहां सरिता ने अपनी दो मासूम बेटियों को चैथी मंजिल से धक्का देकर खुद भी कूद गई। इससे मां और एक बेटी की मौत हो गई, जबकि दूसरी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल बेटी का इलाज प्रयाग अस्पताल में चल रहा है। कोतवाली सेक्टर-49 पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि चार बेटियां होने से महिला के परेशान होने की बात सामने आई है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता लगा रही है।
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पुलिस के अनुसार, शिव मंदिर के पास जितेंद्र शर्मा के मकान में मूलरूप से हाथरस निवासी मनोज रहते हैं। वह प्रयाग अस्पताल की कैंटीन में काम करते हैं। बुधवार सुबह मनोज काम पर और बड़ी बेटी स्कूल चली गई थी। घर में सरिता दो बेटियों के साथ थी। दोपहर करीब एक बजे सरिता दोनों को लेकर बिल्डिंग की चैथी मंजिल पर चली गई। सरिता ने पहले चार साल की बेटी कृतिका को नीचे फेंका फिर तीन साल की बेटी दिव्या को नीचे फेंक दिया। इसके बाद खुद भी कूद गई। 4 साल की कृतिका की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दिव्या नीचे नहा रही महिला की पीठ व सरिता तारों से टकराती हुई जमीन पर गिरी। गंभीर हालत में दिव्या और सरिता को प्रयाग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान सरिता की मौत हो गई, जबकि दिव्या का इलाज चल रहा है। नोएडा जोन के एडीसीपी मनीष मिश्र ने बताया कि पुलिस घटना के कारणों का पता लगा रही है।
लोग रोकते रहे मगर नहीं मानी सरिता
यहां मौजूद लोगों ने बताया कि सरिता ने जब दोनों बेटियों को फेंका तो नीचे से लोगों ने आवाज लगाकर उसे रुकने के लिए कहा, लेकिन उसने छलांग लगा दी। घटना के बाद घर में मातम पसरा है और पति मनोज का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि सरिता को बेटे की चाहत थी। घर में किसी तरह का आपसी मनमुटाव नहीं था। न ही दपंती का किसी से कोई विवाद था।
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