Former MLA Irfan Solanki granted bail by Allahabad High Court: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को हाल ही में जमानत मिलने के बाद अब उनके करीबी सहयोगी और पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने बुधवार को इरफान सोलंकी को एक पुराने मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत प्रदान कर दी। इस फैसले से कानपुर की राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, क्योंकि सोलंकी लंबे समय से जेल में बंद थे।
इरफान सोलंकी, जो कानपुर (सिविल लाइन्स) से दो बार विधायक रह चुके हैं, पर 2019 में सीतापुर के खैराबाद क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल के निर्माणाधीन भवन में आग लगाने का आरोप लगा था। पुलिस ने इस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था, और तब से वे जेल में थे। विशेष अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था, जिसके बाद सोलंकी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के तर्कों को सुना, लेकिन बचाव पक्ष के वकीलों ने सजा की कठोरता और सबूतों की कमजोरी पर जोर दिया। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत की शर्तों के साथ मंजूरी दे दी। सोलंकी को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिली है, और उन्हें कोर्ट में नियमित हाजिरी के निर्देश दिए गए हैं।
यह फैसला आजम खान के जमानत मामले के ठीक एक हफ्ते बाद आया है, जो सपा के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। आजम खान, जो स्वार से सांसद हैं, पर कई आपराधिक मामलों में लंबे समय से मुकदमों का सामना करना पड़ा, और हाल ही में हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। इरफान सोलंकी आजम खान के करीबी माने जाते हैं, और दोनों उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा के मजबूत स्तंभ रहे हैं। सपा नेता अखिलेश यादव ने इस फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया, “न्याय की जीत हुई है। निर्दोषों को न्याय मिलना चाहिए।”
इस घटना ने एक बार फिर सपा पर लगे आपराधिक मामलों की बहस को हवा दी है। विपक्षी दलों ने इसे सियासी साजिश बताया, जबकि सपा समर्थक इसे भाजपा सरकार की नाकामी का प्रमाण बता रहे हैं। इरफान सोलंकी के वकील ने कहा कि यह फैसला उनके मुवक्किल की बेगुनाही को साबित करता है, और जल्द ही सभी मुकदमों में बरी होने की उम्मीद है।

