Noida News: उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, जिसके तहत अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी की जा रही है। नोएडा प्राधिकरण भी इस अभियान में तेजी से काम कर रहा है और अब तक कई गांवों में भूमाफियाओं द्वारा बनाई गई अवैध इमारतों को बुलडोजर से ढहा चुका है।
नोएडा प्राधिकरण का बुलडोजर अभियान
नोएडा में अब तक प्राधिकरण का बुलडोजर मुख्य रूप से उन गांवों में चला है, जहां कृषि भूमि या अधिसूचित क्षेत्र में अवैध रूप से फ्लैट और इमारतें बनाई गई थीं। इनमें से प्रमुख गांव हैं
सलारपुर-हाजीपुरः गांवों में लगातार फ्लैट बनाए जा रहे है। सलारपुर और हाजीपुर में बड़ी तादात में इनका निर्माण हो चुका है। ऐसे सभी लोगोें की सूचि तैयार हो रही हैै जो यहां फ्लैट्स का निमार्ण कर रहे है। समय समय पर प्राधिकरण का बुलडोजर चलता रहता है।
- सेक्टर 135: यहां प्राधिकरण ने 45,000 वर्ग मीटर में बने अवैध निर्माणों को ढहाया. इसमें करीब 100 से ज्यादा फ्लैट और दुकानें शामिल थीं. इन निर्माणों की अनुमानित कीमत 100 करोड़ रुपये से ज्यादा थी।
- सेक्टर 141: यहां प्राधिकरण ने 20,000 वर्ग मीटर में बनी अवैध इमारतों को ध्वस्त किया, जिनकी कीमत करीब 25 करोड़ रुपये थी।
- चाक मंगलौर: इस गांव में प्राधिकरण ने 15,000 वर्ग मीटर में बने अवैध फ्लैटों को गिराया, जिनकी कीमत 15 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई थी।
- बरौला और छिजारसी: इन गांवों में भी प्राधिकरण ने अवैध निर्माणों के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की है।
इन कार्रवाइयों का उद्देश्य उन भूमाफियाओं पर शिकंजा कसना है, जो भोले-भाले लोगों को सस्ते फ्लैट का झांसा देकर ठग रहे हैं।
कैसे हो रहा है गांवों की ज़मीन पर अवैध फ्लैटों का धंधा?
भूमाफियाओं का यह खेल एक संगठित गिरोह की तरह काम करता है. वे आमतौर पर किसानों की कृषि भूमि को औने-पौने दामों में खरीदते हैं। इसके बाद बिना किसी कानूनी मंजूरी, नक्शे और नियमों का पालन किए, उस ज़मीन पर अवैध रूप से बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर देते हैं।
- सस्ते फ्लैट का लालच: ये माफिया छोटे-छोटे फ्लैट बनाते हैं और उन्हें मार्केट रेट से बहुत कम कीमत पर बेचते हैं. इससे मध्यमवर्गीय परिवार और कम आय वाले लोग आसानी से इनके जाल में फंस जाते हैं.
- बिना NOC और रजिस्ट्री के बिक्री: ये लोग खरीदारों को नोएडा प्राधिकरण या किसी सरकारी विभाग से मिले बिना NOC (अनापत्ति प्रमाणपत्र) और रजिस्ट्री के ही फ्लैट बेच देते हैं. उन्हें केवल एक सामान्य बिक्री पत्र या एग्रीमेंट दिया जाता है, जिसका कानूनी तौर पर कोई मोल नहीं होता.
- गुमराह करने की रणनीति: ये माफिया खरीदारों को यह कहकर गुमराह करते हैं कि रजिस्ट्री बाद में हो जाएगी या फिर वे भविष्य में सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर लेंगे।
इस तरह, अवैध रूप से बनी इन इमारतों में फ्लैट खरीदने वाले लोग अपनी जीवन भर की कमाई गंवा देते हैं और जब प्राधिकरण का बुलडोजर चलता है, तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। प्राधिकरण ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी फ्लैट या संपत्ति को खरीदने से पहले उसकी कानूनी वैधता की जांच जरूर करें। प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी वैध प्रोजेक्ट्स की जानकारी उपलब्ध होती है, जिसकी मदद से आप किसी भी धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
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