AAP/ED News: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के आवास पर मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली में आप सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। इस घोटाले का अनुमानित मूल्य 5,590 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, साल 2018-19 में दिल्ली सरकार ने 24 अस्पतालों के निर्माण के लिए 5,590 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी थी। इन प्रोजेक्ट्स को छह महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन तीन साल बाद भी अधिकांश काम अधूरा रहा। इन परियोजनाओं में गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं, जिनमें फंड के दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायतें शामिल हैं। ईडी ने इस मामले में सौरभ भारद्वाज के अलावा अन्य आप नेताओं को भी जांच के दायरे में लिया है।
इसके अतिरिक्त, ईडी ने आप सरकार के कार्यकाल में हुए सीसीटीवी परियोजना और शेल्टर होम से जुड़े कथित घोटालों में भी मनी लॉन्ड्रिंग के तीन नए केस दर्ज किए हैं। इन मामलों की जांच पहले से ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) द्वारा की जा रही थी, और अब ईडी ने इनके आधार पर इन्फोर्समेंट केस इनफॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही आप के अन्य शीर्ष नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेजे जा सकते हैं।
आप ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “यह केंद्र सरकार की ओर से आप को बदनाम करने की साजिश है। हमारी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ती रही है, और ये छापेमारी केवल हमें कमजोर करने का प्रयास है।” दूसरी ओर, बीजेपी ने इन कार्रवाइयों का स्वागत करते हुए कहा कि आप नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देना होगा।
यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है, जब आप हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में हार का सामना कर चुकी है। पार्टी को केवल 22 सीटें मिलीं, और इसके प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी अपनी सीटें हार गए। इसके अलावा, आप पहले से ही दिल्ली शराब घोटाले और दिल्ली जल बोर्ड घोटाले जैसे मामलों में ईडी और सीबीआई की जांच का सामना कर रही है।
यह घटनाक्रम आप के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है, क्योंकि पार्टी पंजाब में अपनी सरकार को मजबूत करने और राष्ट्रीय स्तर पर संगठन विस्तार की कोशिशों में जुटी है। फिलहाल, ईडी की कार्रवाई और इसके राजनीतिक निहितार्थ दिल्ली की सियासत में चर्चा का विषय बने हुए हैं।

