modinagar news शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर की प्रबंध समिति ने दशलक्षण महापर्व श्रद्धा, अनुशासन और उत्साह से मनाया।
डॉ. सोनिका जैन ने बताया कि दशलक्षण पर्व जैन धर्म का प्रमुख पर्व है, जिसे आत्मशुद्धि, संयम और आत्मचिंतन के लिए मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह सहित दस धर्मलक्षणों का पालन कर जीवन को शुद्ध और आदर्श बनाने का संदेश दिया जाता है।
डॉ. जैन ने बताया कि विधान दिल्ली से पधारे पंडित सचिन जैन द्वारा कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन दस दिनों में समाज के अनेक श्रद्धालु उपवास, व्रत और तपस्या कर आत्मशुद्धि एवं धमार्राधना में लीन रहते हैं। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि गोविंदपुरी दिगम्बर जैन मंदिर में भी इसी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। अनंत चतुर्दशी को होगा भव्य समापन दस दिवसीय यह विधान अनंत चतुर्दशी के दिन बड़े हर्षोल्लास और धार्मिक गरिमा के साथ संपन्न होगा। इन दिनों में प्रतिदिन प्रात:कालीन समय पर धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-अर्चना, प्रवचन और शास्त्र वाचन आयोजित किए जा रहे हैं। मंदिर परिसर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर धर्मलाभ ले रहे हैं। धार्मिक प्रश्नोत्तरी, श्लोक वाचन, भजन गायन, जैन कथाओं पर आधारित नाटक और सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुतियों में बच्चों से लेकर युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इन प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों की उत्कृष्ट प्रस्तुतियों ने वातावरण को आध्यात्मिक और उत्सवपूर्ण बना दिया।
इस मौके पर समिति के संरक्षक सुशील जैन, अध्यक्ष स्वदेश जैन, तथा सदस्य संजय जैन, अजय जैन, सतीश जैन, विपिन जैन, अधिवक्ता संजय जैन, नवीन जैन और अतुल जैन मौजूद रहे।
दशलक्षण महापर्व पर भक्ति, उत्साह और सांस्कृतिक उमंग का संगम: डॉ. सोनिका जैन

