यदि आप लोन लेने जाएंगे तो हो सकता है कि बैंक आप के जूते घिसवा दे। लेकिन ये ऐसा गिरोह है जो चंद दिनो में ही लोन करा कर हड़पक र लेता है। थाना फेज-1 पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड बनाकर लोन कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर आठ जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से सीपीयू, टीएफटी स्क्रीन, प्रिंटर, लेमिनेशन मशीन, फिंगर प्रिंट स्कैनर, थंब स्कैनर, वेब कैम कैमरा, आई स्कैनर, एप्सोन डाक्युमेंट स्कैनर, भारी मात्रा में नकली आधार कार्ड, पेपर व लेमिनेशन पन्नी बरामद हुई है। आरोपित 10 से 20 हजार रुपये एक आधार कार्ड के वसूलते थे। इन आधार कार्ड में ज्यादातर में फोटो ठगों की होती थी और नाम व पते फर्जी होते थे। आरोपित एक ही व्यक्ति के कई-कई आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाते हैं। ऐसे में जिन लोगों को लोन की आवश्यकता होती है वह फर्जी आधार कार्ड बनवाते थे। वहीं जालसाझी से प्राप्त रकम को आरोपित आपस में बांट लेते थे।
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ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
डीसीपी हरीश चन्दर और एसटीएफ के डीएसपी राजकुमार ने बताया कि आरोपित विभिन्न फर्जी नामों से आधार कार्ड बनवाकर इन्ही फर्जी नाम से पैन कार्ड बनाकर और आरओसी में कम्पनी रजिस्टर कराकर तथा अन्य लोगों के आधार कार्ड तथा पैन कार्ड इसी तरह से बनाकर अलग-अलग बैंको में खाते खुलवाते थे, इस प्रकार खोले गये खातों मे फर्जी कम्पनी के खाते से सैलरी के रूप में रकम ट्रान्सफर करते थे।
फिर उस रकम को एटीएम से निकालकर पुनः उसी कम्पनी के खाते में जमा करा देते हैं। इस प्रकार 6-7 महीने सैलरी देने पर ऐसा खातेदार लोन के लिये उपर्युक्त हो जाता है। तब ये लोग आनलाइन लोन एप्लाई करके तथा कई अन्य फाइनेन्स कम्पनियों से कार, मोबाइल व अन्य वस्तुएं फाइनेन्स कराते हैं। लोन के रुपयों को एटीएम के माध्यम से निकालकर तथा फाइनेन्स की वस्तुओं को गबन करके ये लोग बैंक को वापस नहीं करते हैं क्योकि यह सब काम गलत नामों से किया जाता है। पुलिस इनके पूरे नेटवर्क का पता लगा रही है।