घर जाने के लिए लगा दी जान की बाजी, दिखी सरकारी ससाधनों की कमी
दिवाली पर घर जाने के लिए लोगों ने जान की बाजी लगा दी। कोई बस की छत पर बैठा तो कोई टेम्पू पर लटकर सफर करता दिखाई दिया। सड़कों पर बस तो रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों में खचाखच भीड़ रही। परेशान होकर यात्री बसों और ट्रेनों की छत पर जान की बाजी लगाकर घर के लिए रवाना हुए। साथ ही, कैंटर और निजी बसों में भूसे की तरह खचाखच भरकर लोग गंतव्य स्थानों के लिए निकले। इस बीच यूपी रोडवेज के अधिकारी भी व्यवस्था को देख आंखे बंद करते रहे। उधर रेलवे स्टेशनों पर भीड़ को काबू करने के लिए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) लगानी पड़ी ।नोएडा में मोरना बस डीपो और ग्रेटर नोएडा में सबसे अधिक भीड़ परी चैक पर रहती है। यहीं से विभिन्न शहर और राज्य व जिलों के लिए बसें मिलती हैं। शनिवार की रात से ही परी चैक पर यात्रियों की भीड़ थी, जो रविवार की सुबह से शाम तक रही। दिन भी यात्री रोडवेज बसों का इंतजार करते रहे, लेकिन समय पर बस नहीं मिली। एक से दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। आखिर में परेशान होकर लोगों को निजी बसों और ट्रक व कैंटर में सवार होकर निकले। निजी बस संचालकों ने भी लोगों की मजबूरी और यूपी रोडवेज की अव्यवस्था का फायदा उठाते हुए क्षमता से अधिक यात्रियों को बसों में भरा। साथ ही, छतों पर भी बैठा दिया। ट्रकों और कैंटर चालकों ने भी मनमाने पैसे लेकर यात्रियों बिठा लिया। ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर टी-प्वाइंट पर भी ऐसा ही हाल रहा। दादरी नगर में भी रोडवेज की बसें बाइपास से होकर निकलीं।
सेक्टर 18 में घंटों तक रहा जाम
नोएडा में आनेजाने वालों की भीड़ के चलते जाम की स्थिति बनी रही। कई ऐसे चैराहे जहां यातायात बेहद धीमी गति से चल रहा था। सेक्टर 18 में खरीदारों की भीड़ के चलते काफी लंबा जाम रहा। यातायात पुलिस जाम को खुलवाने की कोशिश करती रही लेकिन वो भी असहाय दिखी।