लखनऊ। अपने एक साल के कार्यकाल में खुद की और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीट गंवा बैठे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों ने उनके खाते में एक और हार लिख दी है, वहीं बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले नूरपुर विधानसभा की सीट भी योगी नहीं बचा पा रहे हैं। पहले से ही सरकार और पार्टी के अंदर घिरते जा रहे योगी आदित्यनाथ के लिए ये नए नतीजे मुसीबत खड़ी करने वाले हैं।
यूपी वो राज्य है जहां बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अमित शाह की रणनीति की बदौलत 2014 में विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था। 80 सीटों वाले देश के इस सबसे बड़े प्रदेश में बीजेपी ने 72 सीटें जीतीं जबकि उसकी सहयोगी अपना दल को दो सीटें मिलीं। कांग्रेस की ओर से सिर्फ सोनिया-राहुल गांधी ही अपनी सीट बचा सके जबकि सपा को महज 4 सीटें मिलीं। मायावती का तो खाता भी नहीं खुला।
समय बीतने के साथ यूपी में बीजेपी की लहर और मजबूत हुई। मोदी सरकार बनने के तीन साल बाद 2017 में जब विधानसभा चुनाव हुए तब एक बार फिर मोदी और शाह का जादू चला और विपक्ष धूल चाटता नजर आया। 403 विधानसभा सीटों वाले इस प्रदेश में बीजेपी को अकेले ही 312 सीटें मिलीं। सपा-कांग्रेस गठबंधन और मायावती की बसपा चुनाव मैदान में औंधे मुंह नजर आए।
बीजेपी ने 14 साल का सत्ता का वनवास खत्म कर जब प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई तो उसकी बागडोर गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई। आदित्यनाथ को ये जिम्मेदारी दी गई कि वे यूपी को विकास की राह पर ले जाएं ताकि 2019 के चुनावों के लिए मजबूत जमीन तैयार हो सके और बीजेपी 2014 का जादू वहां दोहरा सके।
आशा के विपरीत योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार के एक साल पूरा होने से पहले ही अपनी ही गोरखपुर सीट सपा के हाथों गंवा बैठे। सिर्फ यही नहीं पार्टी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर सीट भी नहीं बचा सकी और सपा-बसपा ने एक साथ आकर सीएम योगी और बीजेपी को एक साथ दो बड़े झटके दे दिए।
हार गए नीतीश, चमके तेजस्वी
जोकीहाट। बिहार में जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के लिए नाक की लड़ाई थी, लेकिन प्रतिष्ठा की इस जंग में उन्हें राज्य के सबसे बड़े विपक्षी नेता के रूप में तेजी से पहचान बनाने वाले तेजस्वी यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव में 24 राउंड के मतगणना के बाद आरजेडी उम्मीदवार शहनवाज आलम ने 41 हजार से ज्यादा मतों के अंतर के साथ जीत अपने नाम कर लिया। आरजेडी पहली बार यहां से विजयी हुई है। शाहनवाज ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी जेडीयू के मुर्शीद आलम को 41,224 मतों के अंतर से हराया. शाहनवाज को 81,240 जबकि मुर्शीद को 40,016 वोट मिले।